हिमाचल प्रदेश की सीमाओं के क्षेत्रों में महंगी गाड़ियों के पंजीकरण होने की सूचनाएं आ रही हैं जिसने सबको चौंका दिया है। प्रदेश में अब लैम्बोर्गिनी, लैंड रोवर, डिस्कवरी, रेंज रोवर्स और वॉल्वो एक्ससी-90 जैसे ब्रांड की लग्जरी गाडि़यां सड़कों दिखने लगी हैं। लैम्बोर्गिनी देश-दुनिया की सबसे महंगी कारों में शुमार है। इन गाड़ियों की कीमत करोड़ों में है। प्रदेश में इस वाहन की रजिस्ट्रेशन फीस अन्य राज्यों के मुकाबले कम है। इसी कारण बाहरी राज्यों के लोग अपनी महंगी कारों का पंजीकरण हिमाचल में करवा रहे हैं।
प्रदेश में वाहन रजिस्ट्रेशन शुल्क तीन प्रतिशत है, जबकि पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में यह दर छह से आठ प्रतिशत के बीच है। इसके चलते महंगी कारें खरीदने वाले हिमाचल में इनकी रजिस्ट्रेशन करवा कर लाखों रुपए बचा रहे हैं, लेकिन इससे हिमाचल को भी बड़ा लाभ मिल रहा है। बिना कुछ किए लाखों रुपए पंजीकरण के सरकार के खजाने में आ रहे हैं। विभागीय नियमानुसार प्रदेश में रहने वाले किराएदार हिमाचल में अपनी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक कांगड़ा जिला के इंदौरा, नूरपुर, ऊना और नालागढ़ जैसे बॉर्डर इलाकों में ऐसी लग्जरी कारों का पंजीकरण हुआ है। इन महंगी गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन से प्रदेश के खजाने को लाभ हो रहा है।
क्या कहता है कानून
आरटीओ कांगड़ा डॉ विशाल शर्मा का कहना है कि सरकार के आदेश है कि जो भी महंगी गाड़ी होगी उसका पंजीकरण परमानेंट एड्रेस पर ही किया जाए टेम्परेरी एड्रेस पर उसका पंजीकरण नहीं किया जाएगा। हमारे धर्मशाला कार्यालय में ऐसे पंजीकरण नहीं किये जाते हैं।