<p>जिला‌ में आए दिन बसों के हादसे हो रहे हैं। हादसा होने के बाद प्रशासन एक दो दिन जाग कर खाना पूर्ति करता है और बाद में सो जाता है। ऐसा ही हाल हर हादसे के बाद देखने मिलता है। रेणुका जी में बस हादसा हुआ तो पुलिस विभाग जागा और बसों के धडडाधड़ चालान काटना शुरू। पांवटा साहिब के बद्रीनगर में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए निजी और सरकारी बसों के चालान काटे। पुलिस ने ओवरलोडिंग और अन्य कई मामलो में यह चालान किये हैं।</p>
<p>गोरतलब है की रविवार को रेणुका जी में एक निजी बस दुर्घटना में 9 लोगो की मौत हो गयी थी और 51 लोग घायल हुए थे। जिसके बाद से पुलिस प्रशासन पर सवाल उठे थे की वे बसों की ओवर लोडिंग पर लगाम लगाने में असफल साबित हुए हैं।</p>
<p>मंगलवार को पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए एक एचआरटीसी की ओवरलोड बस को रोका। पुलिस ने बस के ड्राइवर और कंडक्टर से बस के दस्तावेज मांगे तो दोनों एक दूसरे का मुंह ताकने लगे। उन्होंने कहा कि बस का कोई दस्तावेज नहीं है। पुलिस ने खाना पूर्ति करते हुए 2 हजार रुपये का चालान काटा और बस को जाने दिया । मगर चर्चा का विषय यह था कि क्या चालान काट कर ओवरलोडिंग होती बसों पर अंकुश लगाया जा सकता है।</p>
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