शिमला के चर्चित कोटी वन रेंज में पेड़ों के अवैध कटान मामले में अकेला आरोपी ही शामिल नहीं था बल्कि कई नेता और अधिकारियों की मिली भगत से ये गोरख धंधा सालों से चल रहा था और अब जांच के बाद कई सफेदपोशों के बेनकाब होने की आशंका है।
अवैध कटान की जांच कर रही वन विभाग की स्पेशल टीम ने इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सरकार और वन मंत्री को सौंप दी है। कोटी रेंज में अवैध तौर पर काटे गए सैंकड़ो पेड़ों की लकड़ी में से कुछ अफसरों और राजनेताओं की संलिप्तता भी मिली है, साथ ही अवैध खनन के बाद पत्थर और स्लेटें भी प्रभावशाली लोगों को स्पलाई हुई हैं। वन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर ने कोटी वन रेंज में अवैध कटान की जांच रिपोर्ट मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि इस मामले में शामिल प्रभावशाली लोगों के नामों का खुलासा वे जल्द करेंगे।
कोटी वन रेंज में बीते 14 जनवरी को 400 से अधिक विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों के कटान का मामला सामने आया। अवैध कटान के इस मामले में वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने खुद मौके पर पहुंच कर सीसीएफ रैंक के अफसर को जांच के आदेश दिए थे। वन विभाग की जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
वन मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट मिल चुकी है। इसका अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोटी रेंज में अवैध कटान के साथ साथ अवैध खनन भी हुआ। कटान और अवैध खनन के इस मामले का फायदा प्रभावशाली लोगों को भी हुआ। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसमें नेता भी शामिल हो सकते हैं और साथ ही कुछ अफसर भी। मगर वह तमाम रिपोर्ट का अध्ययन करने तथा तथ्यों से पूरी तरह जांच करने के बाद ही नामों का खुलासा करेंगे।