रिज़र्व एवं ग्रीन एरिया घोषित करने के बाबजूद न्यू शिमला में नियमों को ताक पर रखकर जमीन को व्यवसायिक कार्यों के लिए बेच दिया गया। न्यू शिमला रेजिडेंट सोसाइटी के प्रधान जेआर वर्मा ने कहा कि न्यू शिमला रेसिडेंशियल एरिया था लेकिन हिमुडा टीसीपी, एसडीए, एमसी शिमला और प्रसाशन की धोखाधड़ी से इस क्षेत्र का व्यवसायीकरण कर दिया गया है।
जिस क्षेत्र को 1996 में आवासीय कॉलोनी के रूप में विकसित करने की बात कहकर हिमुडा ने प्लाट बेचे वहां पर आज डीएवी जैसे बड़े बड़े स्कूल, रेस्ट हाउस, नर्सिंग होम, कॉमर्शियल स्टोर, गैर कानूनी पीजी सेन्टर व क्लब आदि खोल दिए। जो कि पूरी तरह से गैर-कानूनी है।
इसकी वजह से न्यू शिमला में लोगों का जीना मुहाल हो गया है। कहीं पर भी जगह नहीं बची है। जो जगह ग्रीन एरिया व रिज़र्व पार्क आदि के लिए रखी गई थी उसको भी व्यवसायिक कार्यों के लिए नियमों को ताक पर रखकर बेच दिया गया। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि इस समूचे मामले की एसआईटी गठित जांच होनी चाहिए।