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नगर निगम में शामिल होने से ग्रामीणों पर टैक्स का बोझ पड़ेगा, ग्राम पंचायत डुग्घा के ग्रामीणों का विरोध

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Duggha Panchayat opposition: ग्राम पंचायत डुग्घा के तहत आने वाले तीन गांवों के ग्रामीण नगर निगम में शामिल होने का विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को ये ग्रामीण अपनी मांग को लेकर उपायुक्त हमीरपुर कार्यालय पहुंचे और नगर निगम में शामिल न करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

ग्रामीणों का कहना है कि नगर निगम में शामिल होने से उन पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पंचायत क्षेत्र में रहकर उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएं मिल रही हैं, और वे अतिरिक्त टैक्स का भार नहीं उठा सकते। उनका कहना है कि उनके गांव शहरीकरण के लिए उपयुक्त नहीं हैं, क्योंकि यहां की आबादी कम है और अधिकांश लोग गरीब हैं, जो दिहाड़ी मजदूरी, मनरेगा कार्य, और पशुपालन करके अपना जीवन यापन करते हैं।

ग्राम पंचायत डुग्घा के तहत आने वाले गांव लाहड़, डुग्घा खुर्द, और जसौर के ग्रामीणों का कहना है कि शहरी विकास विभाग ने जो अधिसूचना जारी की है, उसके अनुसार इन गांवों को नगर निगम हमीरपुर में शामिल किया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण इसे स्वीकार नहीं करना चाहते। उनका कहना है कि पंचायत राज संस्थाओं में लोगों की सहभागिता अधिक होती है और वे सीधे पंचायतों से जुड़े होते हैं, जबकि नगर निगम में ऐसा नहीं होगा।

पंचायत प्रधान मंजू बाला ने बताया कि उनके गांवों के लोग मनरेगा में मजदूरी करते हैं और इनकी आमदनी कम है, ऐसे में नगर निगम में शामिल होने से उन्हें टैक्स का भारी बोझ उठाना पड़ेगा। वहीं पंचायत उपप्रधान आंचल सिंह पटियाल ने भी सरकार से आग्रह किया कि जब तक पंचायतों का विकास नहीं हो जाता, उन्हें नगर निगम में शामिल न किया जाए, क्योंकि इससे गांवों के लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।