सीमा सड़क संगठन के अतिरिक्त महानिदेशक इंजीनियर मोहन लाल ने एक बार फिर अकस्मात हुए बेमौसमी बर्फ़बारी से रोहतांग दर्रे को बहुत जल्द खोंलने पर अपने अधिकारियों और जवानों को बधाई देते हुए कहा कि जहां देश मे लोग अपने अपने घरों में दीवाली का पवित्र त्यौहार मना रहे हैं, ऐसे में हमारे जवान रोहतांग जैसे 13050 फुट की ऊंचाई में माइन्स 10 से कम तापमान में जूझते हुए दर्रा बहाली कर लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि गत 22 से 24 सितंबर के भारी हिमपात में भी दीपक परियोजना के सभी आरसीसी ने उत्कृष्ट कार्य कर राष्ट्र सेवा में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।अभी-अभी फोन पर बात करते हुए उन्होंने ट्राईबल टुडे के माध्यम से अपने सभी जांबाज अधिकारियों और जवानों को हार्दिक बधाई देते हुए पवित्र दीपावली की बधाई दी है।
उधर, शिमला से मुख्य अभियंता और मनाली से कमांडर एके अवस्थी ने भी कहा है कि हमारे फौलादी जांबाजों से हमें बेहतरी की ही उम्मीद थी। जिसे उन्होंने कर दिखाया गया।
रोहतांग दर्रा बहाल होने की पुष्टि सीमा सड़क संगठन के 70 आरसीसी के ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट कर्नल डी एस बिष्ट और 94 आरसीसी के ऑफिसर कमांडिंग मेजर हरीश बाबू ने की है। गुलाबा से कैप्टन मेहुल ने बताया कि अभी सेना की कॉनवाई के 40 ट्रक निकाले जा चुके है जो कोकसर में फंसे हुए थे।उन्होंने जानकारी दी कि पिछले रात एक बजे तक बर्फ हटाने का कार्य चलता रहा।
मेहुल के मुताबिक भयंकर हवा के चलते कार्य करना बहुत कठिन था,फिर भी हम सबों ने ही।हिम्मत नही हारी। फिलहाल सेना की गाड़ियों के साथ साथ 60 अन्य निजी वाहनों को भी निकाला जा गया है। फिर भी ग्राम्फू से एक टैंकर के फंस जाने से करीब 30 गाडियों को वापिस कोकसर भेजा गया है। जिन्हें कल प्राथमिकता के आधार पर निकाला जाएगा।
उधर, जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम अमर नेगी ने बीआरओ के काम की तारीफ करते हुए कहा है कि इन्होंने कड़ी मेहनत की है जिस कारण यातायात को बहाल करने में आसानी हो पाई है।अमर नेगी ने कहा है कि प्रशासन अकस्मात हुए इस बेमौसमी बर्फबारी से निपटने को हमेशा तैयार है।उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन रोहतांग सुरङ्ग से भी बहुत सारे जरुतमन्दों को आर पार करवाया गया है।