कुल्लू की उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा का कहना है कि जिला के प्रवेश द्वार बजौरा में कोविड सुरक्षा कवच की स्थापना की गई है और बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की चिकित्सा स्क्रीनिंग करने के अलावा व्यक्ति की यात्रा का विवरण भी रिकार्ड किया जा रहा है। इसी केन्द्र से व्यक्ति के संस्थागत अथवा होम कोरोंटाइन के निर्धारण का फैसला लिया जाता है। इसके लिए संबंधित ग्राम पंचायत प्रधान अथवा नगर निकायों के प्रतिनिधियों से बात करके व्यक्ति को होम कोरोंटाइन के लिए उनके सुपुर्द किया जा रहा है। होम कोरोंटाइन के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित बनाना भी पहले से गठित समितियों का दायित्व है।
होम कोरोंटाइन के दिशा-निर्देशों के बारे में उपायुक्त ने कहा कि होम कोरोंटाइन को समझना और जानना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है ताकि वह स्वयं भी सुरक्षित रहें परिवार और समाज को भी सुरक्षित रखने में योगदान करें। व्यक्ति को होम कोरोंटाइन के लिए घर में हो अलग से कमरा और अलग से शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए जहां परिवार के अन्य सदस्यों की आवाजाही न हो। घर में बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों से दूरी बनाकर रखना अनिवार्य है। अपने कमरे के अलावा घर के अंदर कहीं पर भी आवाजाही नहीं होनी चाहिए।
इसके अलावा क्वारंटीन के दौरान व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में सामाजिक और धार्मिक समारोह में शामिल नहीं होना चाहिए। बार-बार साबुन से हाथ धोना अथवा सैनेटाईजर का उपयोग करना चाहिए। घर की कोई भी वस्तु जैसे तौलिया, बिस्तर, बर्तन, गिलास इत्यादि परिवार के अन्य सदस्यों से सांझा नहीं किए जाने चाहिंए। हर वक्त मास्क अथवा फेस कवर का उपयोग किया जाना चाहिए। कफ, जुखाम या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र अथवा 104 पर सम्पर्क करने की हिदायत दी जाती है।
परिवार के सदस्यों के लिए सावधानियों पर डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि कोरोंटाइन व्यक्ति की देखभाल परिवार का केवल एक ही सदस्य करेगा। देखभाल कर रहा व्यक्ति कोरोंटाइन व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में बिल्कुल न आए। सफाई करते समय डिस्पोजेबल दस्तानों का प्रयोग करें। घर में आगन्तुकों का प्रवेश वर्जित हो। कोरोंटाइन पर व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसके सम्पर्क में आए सभी व्यक्तियों को 14 दिनों के लिए होम कोरोंटाइन किया जाएगा। इस अवधि को 14 दिन और बढ़ाया जा सकता है अथवा जब तक रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आ जाती। कोरोंटान व्यक्ति के कमरे के फर्श सहित सभी वस्तुओं को सोडियम हाईपोक्लोराईट के घोल से नित्य प्रति साफ किया जाना चाहिए। वॉशरूम को नित्य प्रति फिनाईल इत्यादि से साफ करें और कोरोंटाइन व्यक्ति के कपड़े, तौलिया इत्यादि को नियमित तौर पर धोएं।
उपायुक्त ने कहा कि कोरोंटाइन का यह तात्पर्य नहीं कि व्यक्ति कोरोना संक्रमित है, बल्कि एहतियाती तौर पर बाहरी क्षेत्रों से आने वालों को कोरोंटाइन किया जाना आवश्यक है। कोरोंटाइन की अवधि 14 दिनों की है। चिकित्सा जांच के दौरान यदि किसी प्रकार के लक्षण व्यक्ति में नहीं आते हैं तो उसका कोरोंटाइन सफल माना जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोंटाइन पर व्यक्ति से भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उसका स्वागत किया जाना चाहिए क्योंकि उसे अपने आप को, अपने परिवार को और समाज को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से कोरोंटाइन किया जाना अनिवार्य है। कोरोंटाइन असहज नहीं है बल्कि छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एक अभियान के तहत लोगों को कोरोंटाइन के बारे में जागरूक किया जा रहा है। कोरोंटाइन के नियमों की इमानदारी के साथ पालना की जानी चाहिए ताकि व्यक्ति अपने आस-पड़ौस तथा समाज को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में अपना योगदान दे सके।