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मनाली से देहरा तक ब्यास की लहरों की सवारी पर निकले जांबाज

समाचार फर्स्ट डेस्क |

पर्यावरण संरक्षण और साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबंधित खेल संस्थान मनाली का चार दिवसीय रिवर राफ्टिंग अभियान आज मनाली से शुरु हो गया। इस अभियान के तहत संस्थान के निदेशक कर्नल नीरज राणा के नेतृत्व में 13 सदस्यीय दल मनाली से कांगड़ा जिला के देहरा में पौंग झील तक ब्यास नदी में लगभग 230 किलोमीटर का सफर राफ्टिंग से ही तय करेंगे। वन, परिवहन एवं युवा सेवाएं और खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बाहणु पुल के पास इस दल को रवाना किया और स्वयं भी पतलीकुहल तक राफ्टिंग करके इन जांबाजों की हौंसला अफजाई की।


 
गोविंद सिंह ने कहा कि स्वच्छ आबोहवा और सुंदर वादियों के कारण ही हिमाचल प्रदेश में प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं और राज्य की आर्थिकी में पर्यटन उद्योग की बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए यहां पर्यावरण संरक्षण के प्रति आम जनमानस में जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में साहसिक खेलों के माध्यम से भी पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इसी के मद्देनजर अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबंधित खेल संस्थान के माध्यम से मनाली से पौंग झील तक रिवर राफिटंग अभियान की पहल की गई है।

वन मंत्री ने कहा कि रिवर राफिटंग का संभवतः यह विश्व का सबसे लंबा अभियान होगा और इसे लिम्का बुक ऑफ रिकाड्र्स में दर्ज करवाने के लिए पर्वतारोहण संस्थान ने ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश अब भारत में रिवर राफ्टिंग में अग्रणी भूमिका निभाने जा रहा है। वल्र्ड राफ्टिंग एसोसिएशन ने अगले साल मनाली में प्रथम एशियन राफ्टिंग चैंपियनशिप के आयोजन के लिए हरी झंडी दे दी है और हिमाचल प्रदेश के लगभग 25 राफ्टरों को सर्बिया में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भी हामी भरी है। एशियन चैंपियनशिप के आयोजन के बाद कुल्लू घाटी में विश्व चैंपियनशिप का मार्ग भी प्रशस्त होगा। इससे प्रदेश एडवेंचर टूरिजम को बढ़ावा मिलेगा।