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विद्यार्थियों के जीवन को बेहतर बनाने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण: राज्यपाल

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राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएफआई) की एक सामाजिक पहल ‘साथी हाथ बढ़ाना’ के ई-उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की । इस मौके पर उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के जीवन को बेहतर बनाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है और वे अनुशासन, समर्पण और आदर्शों की स्थापना करके विद्यार्थियों को प्रेरित कर सकते हैं। 

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का कार्य केवल शिक्षण ही नहीं है, शिक्षण के बाद भी इसकी सार्थकता है। यह बच्चे के विचार कौशल का विकास, उन्हें अपने उज्ज्वल भविष्य के निर्माण और राष्ट्र के विकास में योगदान स्वरूप सहायता करने के लिए भी प्रेरित करती है। लंबे समय तक कोचिंग संस्थानों ने विद्यार्थियों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सहायता की है। अधिकतम विद्यार्थी अपने शिक्षकों और कोचिंग संस्थानों को अपनी सफलता का श्रेय देते हैं, क्योंकि उनके द्वारा प्रदान किए गए ज्ञान का उपयोग करके ही उन्होंने सफलता की नई ऊंचाइयां छूई हैं।

उन्होंने कहा कि बहुत से गरीब विद्यार्थियों ने शिक्षा की सीढ़ी से अपने सपनों को साकार किया है। उन्होंने कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए इस सामाजिक पहल और उनके सपने साकार करने के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ‘साथी हाथ बढ़ाना’ कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की एक बेहतरीन सामाजिक पहल है विशेषतः जब यह पर्याप्त साधनों के अभाव में संघर्ष करते हुए भी भविष्य बनाने के लिए मेहनत कर रहे बच्चों पर केन्द्रित हो। उन्होंने कहा कि फेडरेशन द्वारा 1000 विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करना एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि अधिकतम स्मरण मातृभाषा माध्यम में ही होता है इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में शिक्षण कार्य किए जाने पर बल दिया गया है।

राज्यपाल ने सीएफआई और पेडागोगी एंडरॉयड एप्लीकेशन के माध्यम से स्कूली शिक्षा और कोचिंग के क्षेत्र में आई डिजिटल क्रांति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इनके माध्यम से हमारे देश के दूरदराज के क्षेत्रों में भी पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और इनके द्वारा छोटे और मध्यम कोचिंग संस्थानों को ऑनलाइन और रिकॉर्डिड कक्षाएं, टेस्ट और असाइनमेंट उपलब्ध करवाने के लिए निःशुल्क तकनीकी वातावरण उपलब्ध करवाया जा रहा है। यह संस्थानों को वर्तमान महामारी के समय में कार्य करने और विद्यार्थियों को सर्वोत्तम तकनीक के माध्यम से चिंतामुक्त ऑनलाइन कक्षाएं लगाने में भी सहायक सिद्ध होगा।

उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान ऑनलाईन शिक्षा न केवल सहायक सिद्ध होगी बल्कि भविष्य में भी इसकी अपार संभावनाएं हैं। यह देश के प्रत्येक कोने में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी। भारत युवाओं का देश है और युवाओं की क्षमता को पहचान कर हम विश्व शक्ति बन सकते हैं। भारत को कुशल और शिक्षित करने में तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।