सोलन के बड़ोग क्षेत्र दवा निर्माता कंपनी में कर्मचारियों व प्रबंधकों के बीच वेतन को लेकर चल रहे विवाद के बीच कंपनी प्रबंधकों ने कहा है कि वह सामान्य तौर पर कंपनी को चलाना चाहते हैं लेकिन कुछ नेता यहां पर कार्यरत कर्मचारियों को भड़का कर माहौल खराब करने के प्रयास में जुटे हैं। कंपनी के एमडी विकास भटनागर ने सोलन में पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी दी कि जीएसटी के बाद से उनकी कंपनी को नुकसान का सामना करना पड़ा और यही कारण रहा कि आज उनकी कंपनी में वेतन देने की दिक्कत पैदा हुई है।
उन्होंने कहा कि कंपनी ने बाजार में भारी मात्रा में लोगों से पैसा लेना है जिसकी रिकवरी में तेजी लाकर लोगों को कर्मचारियों को उनके पैसे दिए जा रहे हैं उन्होंने माना कि कुछ कर्मचारियों को 2 महीने का वेतन देना बाकी है। लेकिन वे किस्तों में धीरे-धीरे कर कर वेतन दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का एक नेता यहां पर आकर कर्मचारियों को भड़का रहा है और उन्हें हड़ताल पर बिठाया गया।
क्या था मामला
सोलन के बड़ोग क्षेत्र दवा निर्माता कंपनी में कर्मचारियों व प्रबंधकों के बीच वेतन को लेकर चल रहे विवाद के बीच पिछले कई दिनों से कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे थे, उनका कहना था कि उन्हें सैलरी नहीं दी जा रही है ना ही उनके बारे में कोई भी कम्पनी का अधिकारी सुध लेने आ रहा है।
महिला कर्मचारियों का छलका दर्द
वहीं, उद्योग में कार्यरत महिला कर्मचारियों का कहना है कि उनका घर बड़ी मुश्किल से चल रहा है घर मे खाना बनाना बच्चों को पढ़ाने में बहुत दिक्कतें आ रही है, उन्होंने कहा कि वे लोग पिछले 5 सालों से इस कम्पनी में काम कर रहे है, लेकिन पिछले 6 महीनों से उन्हें सैलरी नही दी गयी है, घर चलाना मुश्किल हो चुका है, उन्होंने कहा कि अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए वे लोग पिछले कई दिनों से उद्योग के बाहर बैठे है लेकिन उद्योग का कोई भी अफसर अभी तक उनकी मांगे सुनने नहीं आया है।
कर्मचारियों के पक्ष में आये थे इंटक अध्यक्ष
वहीं कर्मचारियों में पक्ष में युवा इंटक के सोलन अध्यक्ष राहुल तनवर का कहना है की भाजपा सिर्फ अपने फायदे के लिए वादे करती है, उन्होंने कहा कि एक तरफ तो भाजपा कर्मचारियों के हित में बात करती है वहीं अभी तक इस मामले की तरफ ध्यान नही दिया गया है, उन्होंने कहा कि कम्पनी के मालिक अपना रुतबा झाड़ते है कि प्रदेश में उनकी सरकार है और वो लोग उनका कुछ भी नही कर सकते है, उन्होंने सरकार और उद्योग के मालिक को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मजदूरों की मांगों को नही माना गया तो वे भूखहड़ताल पर बैठेंगे।
क्या कहना था मंत्री का
वहीं, जब इस बारे में स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ राजीव सैजल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने मजदूरों की बातों को सुना है और जो उनके लिए उचित किया जायेगा वो जरूर करेंगे, वहीं उन्होंने बताया कि इस विषय मे श्रमिक विभाग को उचित कार्यवाही करने के आदेश दे दिए गए है, ताकि इस मामले को जल्द जल्द सुलझाया जा सके।