एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन-संचार विभाग के तत्त्वाधान में विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर वीरवार को एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विख्यात फ़ोटो पत्रकार संदीप सहदेव ने पत्रकारिता के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों सहित विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों को फोटोग्राफी की बारीकियों के बारे में बताया।
वेबिनार के दौरान विभिन्न प्रकार के कैमरों, उसके लैंस, प्रोफेशनल फोटोग्राफी, लाइट, मीडिया में फोटोग्राफर की भूमिकाओं, फोटोग्राफी में रोज़गार, कई फोटोग्राफी की तकनीकों बारे छात्रों को अवगत कराया। सहदेव ने बताया कि फोटोग्राफी का महत्त्व आए दिन बढ़ता जा रहा है। संदीप सहदेव ने कहा कि आम पाठक, दर्शक का ध्यान भी अख़बार में उस ख़बर की ओर जाता है जिसमें अच्छा फोटोग्राफ हो जो घटना को पूरी तरह से बयां करता हो। फोटोग्राफी के विविध आयामों से छात्रों को परिचय कराते हुए कहा कि अच्छी फोटोग्राफी कालजयी होती है और लम्बे समय तक लोगों के जेहन में समायी रहती है।
वेबिनार में वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अश्वनी शर्मा ने अपने विचार छात्रों से साझा करते हुए कहा कि फोटोग्राफी एक कला है, एक सार्वभौमिक मानवीय संचार है जो घटनाओं को शब्दों के बजाय फ़ोटो के माध्यम से आसानी से व्यक्त करता है क्योंकि तस्वीर बोलती है। डॉ. शर्मा ने कहा कि नेचुरल फोटोग्राफी का अपना महत्त्व है और डिजिटल युग में अब तकनीक इसमें शामिल हो गई है और बदलते समय के साथ फोटोग्राफी की तकनीक भी बदल गई है । डॉ. शर्मा ने कहा कि बिना बेहतर स्किल्स के हर कोई बेहतर कलाकार नहीं बन सकता जबकि आज के दौर में फोटोग्राफी सबकी पहुंच में है। उन्होंने छात्रों को बताया कि एक बेहतरीन फ़ोटो पत्रकार बनने के लिए पत्रकारिता की समझ, नैतिकता, धैर्य, तकनीकी स्किल्स और समाजपरक फोटोग्राफी को समझना होगा।
वेबिनार के दौरान एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि फोटोग्राफी ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी गिनती कला और विज्ञान दोनों में होती है, फोटोग्राफी कला के साथ-साथ विज्ञान भी है, कला इसलिए कि फ़ोटो खींचने वाले व्यक्ति के सृजन क्षमता, धैर्य और स्किल्स पर निर्भर करता है और अंदर जीतनी अच्छी सृजनता होगी वह उतना ही अच्छा फोटोग्राफर होगा। कुलपति चौहान ने कहा कि फोटोग्राफी में तकनीक भी शामिल है और फोटोग्राफी में करियर बनाने वालों को फोटोग्राफी तकनीक को सीखना चाहिए तभी एक सफल फोटोग्राफर, एक फोटो जॉर्नलिस्ट बना जा सकता है, बगैर तकनीक के अच्छी फोटोग्राफी संभव नहीं है। प्रो. चौहान ने कहा कि एक अच्छा फ़ोटो हज़ार शब्दों से ज्यादा प्रभावी होता है।