भले ही संधोल में प्रदेश उच्च न्यायालय ने बस अड्डे को शीघ्र बनाने के आदेश याचिककर्ता की शिकायत पर दे दिए हैं परन्तु बस अड्डे को जोड़ने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर विभाग अभी कुंभकर्णी नींद सोया है। हालात यह है कि यहां बस अड्डे को जोड़ने के लिए एक पुली तक विभाग से नहीं बन पाई। बल्कि बस अड्डा ही क्यों संधोल बाज़ार, बैंक, अस्पताल, स्कूल, तहसील, आईटीआई इत्यादि तमाम संस्थान आपस में नहीं जुड़ पाते, इसके चलते लोगों को जान जोखिम में डाल कर नाला पार करना पड़ता है।
ऐसा नहीं कि ये हालात आज पैदा हुए, यह सिलसिला कई दशकों से चला आ रहा है। सरकार बदली लेकिन हालात नहीं, अभिभावक अपने जिगर के टुकड़ों को जान जोखिम में डालने पर मजबूर हैं, आखिर ये करें भी तो क्या, इसका ही परिणाम था कि लोग विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर रहे थे। संधोल की इस पुली के बनाने वैकल्पिक का समान लोक निर्माण विभाग ने एक वर्ष पुर्व रखा था।परंतु इसका निर्माण करने में संधोल के लोक निर्माण विभाग के अधिकारीयों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। जिसका खामियाजा संधोल की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
वहीं, व्यापार मंडल के प्रधान संजय का कहना है कि बरसात के दिनों में बाज़ार बिल्कुल सुनसान हो जाता है, पुली के न होने से व्यापारी सामान कंधों पर रख कर दुकानों तक पहुंचाते हैं। सबसे ज्यादा तकलीफ तो मरीजों को होती है जो अस्पताल तक भी नहीं पहुंच पाते हैं।
वहीं, संधोल की दूसरी पुली जो संधोल को पशु चिकित्सालय और दतवाड पंचायत घर से जोडने का कार्य करती वह भी नही पाई है । जबकि इस पुली को दतवाड पंचायत भी अपने कार्यक्षेत्र में होने के चलते निर्माण कर सकती थी।
हालांकि, कैंप से पशु चिकित्सालय के लिए पुली बनाने का सामान दो साल से सड़क के किनारे धूल और जंग खा रहा था जिसे भी विभाग ने उठा कर अन्य शिफ्ट कर दिया है। परन्तु विभाग को किसी अप्रिय घटना का इंतजार होगा तभी काम शुरू नहीं हो पाया। वहीं, इस मुद्दे पर स्थानीय व्यापार मंडल ने तुरंत पुली के निर्माण की मांग विभाग और प्रशाशन से की है।