हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद ने मुख्यमंत्री को वादा पूरा न करने पर घेर है। अगर परिषद की माने तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उन्हें कहा था कि 201-22 बजट के अंदर 1990 के दशक से काम कर रहे शास्त्री और भाषा अध्यापकों को TGT का पद दे दिया जाएगा। लेकिन मुख्यमंत्री जयराम इस पर खरे नहीं उतरे हैं। अब अपनी मागों को लेकर परिषद ने एक महीने का अलटीमेटम दे दिया है।
मामले को लेकर संस्कृत शिक्षक परिषद का प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष डॉ. मनोज शैल की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, प्रधान सचिव शिक्षा रजनीश जी से भी मिला। दशकों से चली आ रही शास्त्री एवं भाषाध्यापकों की टीजीटी पदनाम देने हेतु ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल में परिषद् के महासचिव डॉ. अमित शर्मा, शास्त्री एवं भाषाध्यापकों की संयुक्त समिति के संगठन मंत्री नरेश कुमार, आईटी संयोजक डॉ. अमनदीप शर्मा, शिमला क्षेत्र के उपाध्यक्ष अनमोल शर्मा, बलदेव, विश्वनाथ, उपेन्द्र, राकेश रघुवंशी, नरेन्द्र राणा, उरेन्द्र, नरेश, भागचंद शर्मा, सहित लगभग 50 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।