संयुक्त संघर्ष समिति के (किरतपुर से नेरचौक-मंडी ) हिमाचल किसान सभा, फोर लेन प्रभावित किसान संघ, और बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति ने पिछले कल कुल्लू में मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों और जिला पुलिस के बीच हुई झड़प को खेदजनक बताया। उन्होंने कहा कि सभी किसान शांतिपूर्ण तरीके से केंद्रीय मंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपना चाहते थे जिसके लिए केंद्रीय मंत्री ने हामी भी भर दी थी। इसके बावजूद जानबूझकर बवाल खड़ा किया गया। क्योंकि किसानों से प्रदेश सरकार नहीं चाहती थी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से किसानों कि मुलाकात हो सके।
किसानों के प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि इस झड़प से प्रदेश सरकार का किसान विरोधी चरित्र सामने आ चुका है और प्रदेश सरकार की मंशा नहीं थी कि फोरलेन संघर्ष समिति के प्रतिनिधि और प्रभावित किसान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिलें। कयोंकि हिमाचल सरकार फोरलेन में भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून (पुनर्स्थापना, पुनर्वासन व चार गुना मुआवजा) को पिछले 3 साल से लागू नहीं कर रही है और न ही किसानों से मिलना चाहती है। उन्होंने पूरी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मांग की है कि किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए और किसानों की समस्यों को सुना जाये ।
सयुंक्त संघर्ष समिति के (किरतपुर से नागचला), अध्यक्ष, जोगिन्दर वालिया ने कहा है कि जिला कुल्लू के पर्स्ताबित यात्रा के समय, केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी से मांग की है कि पिछले लंबे इंतजार के उपरांत भी अभी तक किरतपुर से नेरचौक-मनाली की लंबित शिकायतों के निपटारा अभी तक राज्य सरकार नहीं कर पाई है अत् केंद्र सरकार जल्दी से निपटारा हेतु हिमाचल सरकार से तुरंत निदान करवाए ताकि समय रहते किसानों को राहत दिलाई जा सके।
किसानों के प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग की है कि स्थानीय लोगों को रोजगर, विस्थापित दुकानदारों को उचित मुआवजा, रोड़ प्लान में बदलाव, टनल के कारण घरों का नुकसान का मुआवजा , पानी का रिसाव, जमीन का कटाव, प्रस्तावित बस स्टैंड के पास पैदल पथ या भूमिगत रास्ते बनाये जाने और सम्पर्क मार्ग के लिए टी पॉइंट और टेलिफोन लाइन व पानी की निकासी हेतु भूमिगत पुल, कुएं , हैण्ड पंप, स्कूलों व मन्दिरों को पुनर्स्थापित किया जाये।