सफला एकादशी 2024: पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी, जिसे सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है, इस वर्ष 26 दिसंबर को मनाई जा रही है। यह तिथि भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के लिए विशेष मानी जाती है। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, वर्ष 2024 की अंतिम सफला एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत रखने, पूजा करने और व्रत कथा का पाठ करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
सफला एकादशी का महत्व:
ऐसी मान्यता है कि यह व्रत गंभीर संकटों को समाप्त करता है और व्रतधारी को जीवन व परलोक में मान-सम्मान प्रदान करता है। इस व्रत का पालन श्रद्धा और सच्चे मन से करने पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। व्रत का समापन द्वादशी तिथि में पारण के साथ करना चाहिए। इसके साथ ही अन्न और धन का दान करने से जीवन में शुभता और समृद्धि आती है।
चावल का सेवन वर्जित क्यों:
सफला एकादशी पर चावल का सेवन वर्जित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, महर्षि मेधा ने आदिशक्ति के क्रोध से बचने के लिए शरीर त्याग दिया था, और उनके शरीर का अंश पृथ्वी में समा गया, जो चावल और जौ के रूप में प्रकट हुआ। इस कारण इस दिन चावल का सेवन निषिद्ध माना गया है।
पंचांग 26 दिसंबर 2024:
शुभ मुहूर्त:
विशेष दिन: सफला एकादशी व्रत
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