मंडी: सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के अमृत महोत्सव सभागार में इतिहास विभाग द्वारा जनरल जोरावर सिंह की 237वीं जयंती पर जयंती समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में आचार्य देव दत्त शर्मा कुलपति सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी मुख्य अतिथि के रूप में रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य अनुपमा सिंह प्रति कुलपति एवं अधिष्ठाता अकादमिक मामले ने की। रूपेश्वरी शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम के शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन कर व जनरल जोरावर सिंह के चित्र के सम्मुख माल्यार्पण कर किया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा इतिहास विभाग द्वारा प्रकाशित वार्षिक प्रतिवेदन ‘देव प्रभा’ का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि आचार्य देव दत्त शर्मा ने इस अवसर पर इतिहास विभाग द्वारा किये कार्यक्रमों की प्रसंसा की व समस्त टीम को बधाई देते हुए शुभकामनाएं दीं।इस अवसर पर उन्होंने जनरल जोरावर सिंह को नमन करते हुए कहा कि भारतीय इतिहास में जनरल जोरावर सिंह को एक दूरदर्शी सेनानायक,महान योद्धा,कुशल प्रशासक व महान दूरदृष्टा के रूप में जाना जाता है।
जनरल जोरावर सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से हमें प्ररेणा लेनी चाहिए। जनरल जोरावर सिंह पर शोध कार्य करने वाले व इतिहास विभाग के संयोजक डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने उनके जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तरी भारत की सीमा को सुरक्षित बनाने के लिए जनरल जोरावर सिंह के ऐतिहासिक योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।उन्होंने लद्दाख व बाल्टिस्तान को तात्कालिक जम्मू रियासत मिलाया जो भारत का अभिन्न अंग है।उन्होंने कहा कि सुदूर हिमालय में दुर्गम क्षेत्रों को उस कालखंड में विजय करना असंभव सा प्रतीत होता है परंतु जनरल जोरावर सिंह ने अपने अदम्य साहस,वीरता व पराक्रम से सुदूर हिमालय को विजयी किया।
सामरिक दृष्टि से उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्य के परिणाम स्वरूप ही आज सुदूर हिमालय पर भारतीय सेना दुश्मनों से लोहा ले रहे हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष आचार्य अनुपमा सिंह ने कहा कि जनरल जोरावर सिंह जैसे योद्धा विरले ही पैदा होते हैं। भारत के लिए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। कार्यक्रम में वशिष्ठ अतिथि रूपेश्वरी शर्मा ने जनरल जोरावर सिंह के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। इस मौके पर स्नातकोत्तर चतुर्थ सत्र की चिंता व द्वितीय सत्र की ममता ने जनरल जोरावर सिंह के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विचार रखे। डॉ. रामपाल ने मंच का परिचय किया करवाया व धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
मंच का संचालन स्नातकोत्तर चतुर्थ सत्र की छात्रा अंजना ने किया। इतिहास विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इस अवसर पर डॉ. जगदीप वर्मा, डॉ. नीलम ठाकुर, डॉ. गौरव कपूर, कन्हैया लाल सैनी, दीपक कुमार, राजेश शर्मा, विकेश कुमार, सिवान, भारतीय सांस्कृतिक धरोहर मंडी चैप्टर सह समन्वयक अनिल शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार मुरारी शर्मा, पारुल शर्मा, इतिहास सोसाइटी के पदाधिकारी व इतिहास विभाग के समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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