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बुजुर्ग महिला क्रूरता मामले की सर्व देवता समिति ने की निंदा, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

नवनीत बत्ता |

मंडी के सरकाधाट वायरल वीड़ियो से एक गहरा प्रभाव देखने के मिल रहा है। सोमवार को सर्व देवता समिति के पदाधिकारियों ने एक आपात बैठक कर सरकाघाट मामले की कड़ी निंदा की है। समिति के अध्‍यक्ष शिवपाल शर्मा ने कहा कुछ लोगों ने देवताओं को आय का साधन बना लिया है। उन्होंने देवता का डर दिखाकर महिला के बाल काटने उनके मुंह पर कालिख पोत कर गले में जूतों की माला पहना गांव में घसीटने की निंदा की है और पुलिस तथा प्रशासन से इस मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। देव समाज अपने स्तर पर अलग से कार्रवाई करेगा।

उन्‍होंने कहा कि देवता कभी गूर या कारदार के माध्यम से कोई आदेश नहीं देता। पाप करने पर देवता स्वयं दंडित करता है। इसका किसी को कभी आभास नहीं होता। उनके दंड से देवता के गूर व कारदार भी अछूते नहीं रह सकते। इंसान को देवता ने कभी किसी अन्य इंसान को दंडित करने का कोई अधिकार नहीं दिया न ही आज तक ऐसे कोई आदेश दिए हैं। चंद लोग देवी.देवताओं के नाम पर अंधविश्वास फैला रहे हैं और समाज को भ्रमित कर रहे हैं। सरकाघाट में आस्था की आड़ में बुजुर्ग महिला पर अत्याचार देव परंपरा के खिलाफ है।

शिवपाल शर्मा ने कहा बुजुर्ग महिला के साथ इस तरह बदसलूकी करना घृणित व भद्दा मजाक है। ऐसे लोगों की वजह से पूरा देव समाज शर्मसार हो रहा है। उन्होंने कहा कि देवी.देवता हमारी रक्षा के लिए हैं। देवता कभी किसी का बुरा नहीं चाहते हैं। अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए कुछ लोगों ने निजी देवता बना लिए हैं। यह देवता न तो भाषा एवं संस्कृति विभाग के पास पंजीकृत हैं न ही इनका प्रशासन के पास कोई रिकॉर्ड है। जिला प्रशासन के पास जो भी देवी.देवता पंजीकृत हैंए उनका पूरा इतिहास व रिकॉर्ड उपलब्ध है। यह रिकॉर्ड सर्वदेवता समिति के पास भी है। पंजीकृत देवता के गूर या कार कारिंदों ने कभी किसी का अहित नहीं किया।