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कांगड़ा में गरीबों-वंचितों के कल्याण पर खर्च होंगे 96 करोड़: सरवीण चौधरी

समाचार फर्स्ट डेस्क |

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी ने आज शनिवार को उपायुक्त कार्यालय के धर्मशाला में विडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से जिला कल्याण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कांगड़ा जिला में वर्ष 2020-21 में गरीबों-वंचितों के कल्याण पर वर्तमान वित्त वर्ष में 96 करोड़ रुपए व्यय किये जाएंगे। ये पैसा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, वृद्धों और दिव्यांगों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान पर व्यय किया जाएगा। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में राज्य में सेवा, सम्मान, सुशासन और समग्र विकास की एक नई पहल हुई है।
 
सरवीण चौधरी ने बताया कि जिला में करीब 90.87 करोड़ रुपये की राशि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अन्तर्गत व्यय की जा रही है। जिला में 1,22,045 व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन योजना के तहत् लाया गया है। इनमें 81,668 वृद्ध व्यक्तियों को वृद्वावस्था पैंशन योजना, 25213 महिलाओं को विधवा पैंशन योजना, 15068 अपंग व्यक्त्यिों को अपंग राहत भत्ता तथा 94 कुष्ठ रोगियों तथा दो ट्रांसजेंडर को पुनर्वास भत्ता योजना के तहत् लाया जा चुका है। विभाग द्वारा वृद्व व्यक्तियों को प्रतिमाह 850 रुपये, विधवा महिलाओं को एक हजार रुपये, अपंग व्यक्तियों व कुष्ठ रोगियों और ट्रांसजेडरों को 850 रुपये प्रतिमास की दर से पैंशन दी जाती है। इसके अतिरिक्त 70 वर्ष व इससे अधिक आयु के पैंशनरों को 1500 रुपये प्रतिमास की दर से पैंशन दी जा रही है।

सरवीण ने कहा कि मंत्रिमण्डल की पहली बैठक में ही वृद्धजनों को सम्मान देते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने की आयु सीमा को 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया और इसमें कोई आय सीमा भी नहीं रखी गई। इस समय प्रदेश में 70 वर्ष से अधिक आयु के 2.85 लाख से अधिक वृद्धजन 1500 रुपये मासिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। कोरोना महामारी के दृष्टिगत 5.69 लाख पेंशनधारकों को सितम्बर, 2020 तक पेंशन का अग्रिम भुगतान कर दिया गया है, जिसपर अब तक 424.58 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। गत अढ़ाई वर्षों में विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 1,63,607 नए मामले स्वीकृत किए गए हैं।
 
सरवीन ने कहा कि पिछड़े एवं गरीब वर्ग के परिवारों को आवास सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा गृह निर्माण अनुदान योजना शुरू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत पात्र परिवारों को मिलने वाली अनुदान राशि 1.50 लाख रुपये और मुरम्मत कार्य के लिए 35 हजार रुपये दिये जा रहे हैं। कांगड़ा में इस योजना के अन्तर्गत इस वित्त वर्ष में अनुसूचित जाति के 91, अनुसूचित जनजाति के 14 और अन्य पिछड़ा वर्ग के 65 पात्र व्यक्त्यिों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है तथा 2.55 करोड़ की राशि गृह अनुदान के रूप में वितरित की जायेगी। दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करने की योजना में आय सीमा की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। छात्रवृत्ति की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है।