जिला बिलासपुर में स्कूल प्राध्यापक संघ द्वारा शिक्षा विभाग के विरुद्ध मोर्चा खोला गया। प्रवक्ताओं ने संयुक्त बयान जारी करते हुए प्रदेश के स्कूलों में मुखियाओं के रिक्त पदों को न भरने के संदर्भ में शिक्षा विभाग के ढुलमुल रवैए के खिलाफ मोर्चा खोला। प्रेस के नाम जारी एक वक्तव्य में स्कूली प्राध्यापकों ने आरोप लगाया है कि पिछले 15 माह में स्कूलों में प्रधानाचार्यों के सैंकड़ों पद रिक्त चल रहे हैं। शिक्षकों के बलबूते पर शिक्षा विभाग को केंद्र सरकार से अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं। लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता पर तब प्रश्नचिह्न खडे़ हो जाते हैं जब प्रधानाचार्य के पद लंबे अंतराल से खाली चल रहे हों। आलम यह है कि मार्च में वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं और विद्यालय प्रमुख की कुर्सी पर अबतक तैनाती नहीं दी गई है। विभाग को शिक्षकों के रिक्त पदों पर प्रदेश उच्च न्यायालय भी तल्ख़ी जता चुका है।
शिक्षा विभाग के आला अधिकारी न्यायालय में चल रहे वरिष्ठता विवाद का बहाना बनाकर अपना पल्लू झाड़ने में लगे हैं। स्कूल प्राध्यापक संघ बिलासपुर प्रमुख नरेश ठाकुर ने लंबित मुकदमें से अप्रभावित वरिष्ठता सूची तक प्रधानाचार्य पदोन्नत लिस्ट जारी करने का आग्रह शिक्षा विभाग से किया है। संघ के प्रधान नरेश ठाकुर कहना है कि प्रस्तावित प्रधानाचार्य पदोन्नति लिस्ट पर प्लेसमेंट आधार पर ही पदोन्नति दी जा रही है, नियमित आधार पर नहीं। इसलिए पदोन्नति लिस्ट को रोक कर रखना शिक्षा, शिक्षक और विद्यार्थियों के हितों से खिलवाड़ माना जाएगा जिसे स्कूल प्राध्यापक संघ सहन नहीं करेगा। संघ विभाग से मांग करता है कि लेक्चरर से प्रधानाचार्यों की पदोन्नति सूची जल्द से जल्द जारी की जाए।