<p>सिरमौर की उफनती खड्डों में स्कूली छात्र जान जोखिम में डालकर नहा रहे हैं और प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सोया हुआ है। शायद उसे किसी बड़े हादसे का इंतजार है। बता दें कि नदियों, नालों के किनारे खासतौर पर बरसात के मौसम में लोगों का नहाना जोखिम भरा रहता है। इसके मद्देजनर अदालत ने भी प्रशासन को आदेश दिए हैं कि लोगों को इससे दूर रखा जाए।</p>
<p>लेकिन सतौन इलाके की यह तस्वीर उन आदेशों और प्रशासन के प्रयासों की असलियत बयान कर रही है। यहां अक्सर बच्चे स्कूल की छुट्टी के बाद इसी तरह नहाने के लिए नदी में उतर जाते हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बच्चे क्योंकि इतने समझदार भी नहीं हैं जिन्हें इस तरह के खतरे का पूरा ज्ञान हो। ऐसे में प्रशासन पर सवाल लाजमी है।</p>
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