प्रदेश में तीसरी से बारहवीं तक की कक्षाओं को खोलने के लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है. संक्रमण से बच्चों का बचाव करने के लिए विभाग ने नए एसओपी जारी कर दिये हैं. अब कमरे की क्षमता के हिसाब से एक कक्षा में मात्र 50 फिसदी छात्र ही बिठाये जाएंगे. बाकी बच्चों को दूसरे कमरे में बिठाया जाएगा.
आपको बता दें कि बुधवार से तीसरी से बाहरवीं कक्षा के बच्चों के लिए प्रदेश में स्कूल खुलने जा रहे हैं. 15 नवंबर से विभाग पहली और दूसरी कक्षाएं भी चालू करने जा रहा है. इसके मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक बेंच पर एक ही बच्चा बैठाया जाएगा. वहीं प्रार्थना सभा, खेलकूद सहित एकत्र होने वाली अन्य गतिविधियों पर रोक रहेगी. और तो और लंच ब्रेक और आने-जाने का समय हर कक्षा का अलग-अलग रहेगा.
शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल बंद किए गए थे, लेकिन अब कोरोना के साथ ही जीना सीखना होगा. उन्होंने बताया कि स्कूलों को कोरोना नियमों के पालन के लिए निर्देश जारी किए गए हैं और कक्षाओं को लगातार सेनेटाइज किया जाएगा. विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर स्कूल अपने स्तर पर प्लान तैयार कर कोरोना नियमों का पालन करना होगा.
11 अक्टूबर से सरकार ने आठवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले थे. इसके बाद कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर दिवाली की छुट्टियों को शिक्षा विभाग ने 31 अक्टूबर से 7 नवंबर तक कर दिया था. अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि इन बच्चों का अभी वैक्सीनेशन नहीं हुआ है. ऐसे में स्कूलों को कोरोना नियमों के पालन के लिए निर्देश जारी किए गए है.