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जीवंत समाज के लिए विज्ञान और धर्म को साथ चलना होगाः CM

<p>राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विविधता में एकता हमारे राष्ट्र की पहचान है, जो एक बहुल समाज और संस्कृतियों का भंडार है। वह आज सोलन में श्रीकृष्ण मंदिर का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। भागवत ने कहा कि भारतीय सभ्यता, पांच हजार वर्षों पुरानी है और विविधता में एकता के सह-अस्तित्व की विशिष्ट विशेषता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि धर्म वास्तविकता में एकता का एकीकृत दृष्य प्रदान करता हैं क्योंकि भगवान एक हैं और उनके द्वारा बनाई गई वास्तविकता, एकता और अखंडता का प्रतीक है। धर्म का उद्देश्य मानवता को एकजुट करना है और मानव जाति की सेवा ईश्वर की सेवा है।</p>

<p>उन्होंने कहा कि हममें से प्रत्येक को अपने समाज और राष्ट्र के विकास के लिए ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य करना चाहिए। क्योंकि यह कर्म ही है जो हमें धर्म की ओर प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि श्री भागवत गीता हमें बिना फल की चिंता किए अपने कर्तव्य का पालन समर्पण और परिश्रम के साथ करने का उपदेश देती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सोलन में निर्मित श्रीकुष्ण मंदिर न केवल पूजा के लिए, बल्कि समाज के कल्याण के लिए भी एक उपयुक्त स्थान होगा।</p>

<p>मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने RSS प्रमुख मोहन भागवत का स्वागत करते हुए कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं का प्रदेश है। यहां विभिन्न जातियों और समुदायों के लोगों ने कई कठिनाइयों के बावजूद एकता और सामंजस्य को बरकरार रखा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि धर्म समाज के हर वर्ग को एकजुट बनाए रखने वाली एक आलोकिक शक्ति है। आज के आधुनिक युग में, हमें अपने धर्म और संस्कृति को बनाए रखने के लिए हरं संभव प्रयास करने चाहिएए क्योंकि केवल उन्हीं समाजों ने प्रगति की है, जिन्होंने अपनी परम्पराओं और संस्कृति को उचित सम्मान दिया।</p>

<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल्यों और संस्कृति को त्याग कर कोई भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। जीवन्त राष्ट्र के लिए विज्ञान और धर्म को साथ चलना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत विश्व गुरू बनने के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में राष्ट्र ने अपनी पुरानी गरिमा प्राप्त की है और विश्व के शक्तिशाली देशों ने भारत के सामथ्र्य को स्वीकारा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि शान्तिप्रिय और ईश्वर के प्रति आस्था रखने वाले लोगों के कारण हिमाचल प्रदेश पूरे विश्व में देवभूमि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि सोलन में श्रीकृष्ण मन्दिर क्षेत्र के लोगों की धार्मिक आस्था का केन्द्र बनकर उभरेगा।</p>

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