पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का आज दूसरा दिन है. दूसरे दिन का सत्र शुरू होते ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सम्मेलन की अध्यक्षता की. दो दिवसीय सम्मेलन में 11 संकल्पों और प्रस्तावों को पारित किया गया.
एक साल में दो बार ये सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. किसी भी विधानसभा के पुनर्गठन के लिए नए चुने गए विधायकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा. 3 सर्वश्रेष्ठ विधानसभा के मानक के लिये कमेटी का गठन करने का फैसला लिया गया है. राज्यपाल रात्रपत्ति के अभिभाषण के दौरान किसी तरह का व्यवधान न डाला जाए.
2019-21 के बीच की गई कार्यवाहियों की समीक्षा करना. सदन की कार्यवाही को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर सभी को उपलब्ध करवाना, वितीय स्वायता का प्रवधान. आदर्श नियमावली विकसति करना और वितीय सहयोग. पीठासीन अधिकारियों में संकल्प लिया गया है कि ग्राम सभा से लोकसभा तक जनहित को सर्वोपरि रखा जाए.
इस मौके पर राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर विशेष तौर पर मौजूद रहे.
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में कहा कि यहां देशभर के पीठासीन अधिकारियों के इस महत्वपूर्ण शताब्दी सम्मेलन में जो संकल्प लिए गए हैं वो 100 सालों के अनुभवों को जोड़ते हुए आगामी 100 सालों के रोड मैप तैयार करेंगे. आज जरूरी है सभी प्रतिनिधि अपने कर्त्तव्य बोध से निर्धारित आचरण का पालन करें और लोकतंत्र को मजबूत करने का काम करें.