जिला मंडी के अंतर्गत आने वाले संधोल में सेवा विकास एवं कल्याण समिति के अध्यक्ष मान सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर और संधोल की अनदेखी पर संधोल में बनी संधोल सेवा विकास एवं कल्याण समिति ने एक बार फिर संधोल की अनदेखी के मुद्दे पर आक्रामक नजर आ रही है। जनता सराय में समिति की महत्वूवर्ण बैठक सम्पन्न हुई जिसमें केंद्रीय विद्यालय के भवन निर्माण में कई जा रही देरी पर असंतोष जाहिर किया गया।
वहीं, संधोल को अनदेखा करने जिसमें एसडीएम कार्यलय, तहसील कल्याण दफ्तर को संधोल में न खोलने पर नाराजगी जाहिर की और अब उच्च न्यायालय में याचिका डालने का प्रस्ताव पारित किया। समिति के अध्यक्ष मान सिंह ने बताया कि पूर्व सरकार ने पुरानी और वरिष्ठ तहसील को नजरअंदाज कर सरकाघाट एस डी एम कार्यालय से मात्र 15 किलोमीटर दूरी पर एक अन्य एसडीएम कार्यालय खुलवा दिया। विरोध होने पर स्थानीय मंत्री ने एसडीएम की पहले संधोल में सप्ताह में दो दिन बैठने की अधिसूचना की गई जबकि एसडीएम साहब यहां महीन में मात्र 1 दिन भी बमुश्किल मिल पा रहे हैं।
अभ्यर्थियों को लाइसेंस बनाने और अन्य कार्यों के लिए 40 किलोमीटर का सफर धर्मपुर के लिए करना पड़ रहा है। जबकि ड्राइविंग लाइसेंस और गाडियों की पासिंग संधोल में ही होनी चाहिए। यही नहीं लोगों के अन्य तमाम कार्य भी संधोल में ही होने चाहिए जो नहीं हो रहे। वहीं, संधोल तहसील में पहले कल्याण अधिकारी की अधिसूचना की गई बाद में उसे भी अद्यतन कर धर्मपुर में कर दिया गया। जिससे अपंग और बुजूर्गों को बड़ी दिक्कतों से दो चार होना पड़ रहा है जो संधोल वासियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया है। इसलिए अब समिति ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है।
मान सिंह ने बताया कि बक्कर खड्ड के किनारे जो आईपीएच के शेड बनाये जा रहे हैं। वहां दर्जनों शिशम के पेड़ अवैध रूप से काटे गए हैं जबकि शेड बनाने के लिए नियमों को दरकिनार कर दरिया की सिल्ट इस्तेमाल की जा रही है, यही नही वहां से पानी उठाने के लिए बहुत बड़ी पाइप लाइन निकली जा रही है जिससे वहां के घरों को खतरा हो सकता है। वहीं, आईपीएच विभाग द्वारा हारसीपतन पुल के नीचे से जेसीबी मसीन से खुदाई कर बहुत बड़ी पाइपलाइन निकली जा रही है जिससे आने वाले समय में पुल को भी खतरा पैदा हो सकता है। जबकि भारी मात्रा में अवैध खनन हो रहा है जिसके गवाह साइट पर लगे बड़े बड़े सिल्ट रेत के ढेर हैं।
हैरत की बात है कि साइट से करीब 200 मीटर की दूरी पर रजत स्टोन क्रशर है, फिर क्या कारण है कि क्रशर की बजाय दरिया की सिल्ट इस्तेमाल की जा रही है। समिति ने विभाग से नियमों के अनुरूप और प्रस्तावित जगह सचुहि तरपोहल में स्कीम निर्माण की मांग की है और प्राकृतिक संपदा को नुकसान न पहुंचने की अपील की है। बैठक में करीब 40 लोग उपस्थित रहे।