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भरमौर विधानसभा क्षेत्र में कई परियोजनाएं आधी आधूरी, फिर भी प्रशासन है बेखबर

समाचार फर्स्ट डेस्क |

भरमौर विधानसभा क्षेत्र के औरा, गुवाड और सुनकर के लोग प्रचंड गर्मी के सीजन में पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। इन पंचायतों के लिए स्वीकृत योजना को अगर समय रहते पूरा किया जाता तो आज यहां के लोगों को पानी के लिए ना तरसना पड़ता। इन पंचायतों तक पानी पहुंचाने के लिए पांच साल पहले सरकार ने 3 करोड़ रूपये की पेयजल योजना स्वीकृत की थी। इस योजना का निर्माण कार्य एक साल के भीतर पूरा होना था, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी यह योजना अधर में लटकी पड़ी हैं। जिसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस योजना पर अभी तक मात्र 25 फीसदी कार्य ही हो पाया है।

इस बारे में युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव सुरजीत भरमौरी ने बताया कि यूनीग्रो कंपनी को इस योजना का टेंडर मिला था। जो ठेकेदार इसमें शामिल है उन्होंने अभी तक इसका काम पूरा ही नही किया है। भरमौरी ने कहा कि पेयजल योजना प्रशासन और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण पूरी नही हो पाई। ना तो प्रशासन ने यूनीग्रो कंपनी के ठेकेदारों को इसके बारे में पूछा और ना ही काम पूरा करने की कोई समय सीमा निर्धारित की। जिस कारण यूनीग्रो कंपनी के ठेकेदारों ने कुछ जगह पानी की पाईपें बिछा कर रख दी जिन्हें दबाया ही नही गया है।

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उन्होनें बताया कि प्रशासन ने इस तरफ कोई ध्यान ही नही दिया, जिस कारण ठेकेदार अब अन्य टेंडरों का काम करने में व्यस्त है और इस योजना का कार्य रोक कर रखा है।भरमौरी ने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही से ही लूना पुल का निर्माण कार्य भी अधर में लटका पड़ा है, और मात्र 25 फीसदी का ही हो पाया है। यहां के लोग लकड़ी के पुल का इस्तेमाल रावी नदी को पार करने के लिए करते है,ऐसे में अगर पुल टूट जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।

उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द दोनों योजनाओं का निर्माण कार्य शुरू किया जाए। इन दोनों योजनाओं से क्षेत्र की लगभग 5 हजार जनता जुड़ी है, जो आज दिन तक विकास के लिए तरस रही है। भरमौरी  ने कहा कि इस बारे में कई बार प्रशासन को अवगत करवाया जा चुका है लेकिन फिर भी कोई ध्यान इस तरफ नही दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर  निर्माण कार्य शुरू नही  किया गया तो प्रशासन सहित ठेकेदारों के खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी।