एस एफ आई ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति व शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाया है। एसएफआई ने दवा किया की कुलपति के पास प्रोफेसर के पद पर 10 साल का शैक्षणिक अनुभव नहीं है। यूजीसी के नियमानुसार कुलपति की नियुक्ती के लिए प्रोफेसर पद पर 10 साल शैक्षणिक अनुभव जरुरी है, छात्र संघ के नेतों ने कहा। एसएफआई ने आरोप लगाया कि वाइस चांसलर ने अपने आवेदन में बताया की वह 2009 के अंदर प्रोफेसर पदोन्नत किए गए थे लेकिन असल में सिकंदर कुमार को 21 मार्च 2011 को कार्यकारिणी समिति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के द्वारा प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत किया गया और 21 मार्च 2011 को उनहोंने बतौर प्रोफेसर काम करना शुरु किया। इससे पहले वह एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर ही कार्यरत थे, छात्र संघ ने दवा किया।
एसएफआई ने चेतावनी दी है की यदि प्रदेश सरकार ने मामले पर कड़ा संज्ञान नही लिया तो इसके ख़िलाफ़ समूचे प्रदेश के अंदर आंदोलन किया जाएगा।