एसएफआई ने छात्रों की विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। एसएफआई ने सरकार पर आरोप लगाया है कि नई शिक्षा नीति छात्रों के हित में नहीं है। सरकार इसके द्वारा सरकारी शिक्षा को खत्म करके निजीकरण को बढ़ावा दे रही है।
एसएफआई राज्य सचिव ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में पीटीए फंड के नाम पर की जा रही लूट की जा रही है। शिक्षा पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला शीघ्र वापस लेना चाहिए। किताबों की कीमतों में की गई 25 प्रतिशत कि बढ़ोतरी शीघ्र वापस लेनी चाहिए। निजी शिक्षण संस्थान आज शिक्षा के नाम पर मनमानी लूट कर रहे हैं जिस पर सरकार और विभाग रोक नहीं लगा पा रही है।
SC-ST छात्रों की छात्रवृत्ति बहाल की जानी चाहिए और आगामी परीक्षाएं 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम के साथ ही आयोजित की जाए। अगर सरकार इन मांगों को नही मानती है तो एसएफआई प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और जिला स्तर पर आंदोलन करेगी।