<p>हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा ने जोगिन्दर नगर में बने शानन बिजली प्रोजेक्ट को लेकर कई तरह के सवाल उठाए हैं। हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लच्छविन्दर सिंह ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से लाहौर तक रोशन हुआ लेकिन मंडी और हिमाचल को इसका हिस्सा नहीं मिल रहा है। इसका संचालन यदि हिमाचल को दे दिया जाए तो प्रदेश को इसका फ़ायदा होगा। इससे जहां प्रदेश को फायदा होगा तो वहीं हिमाचल का कर्ज़ भी इससे कम होगा। मंडी को अभी 3 फ़ीसदी हिस्सा ही मिल रहा है। जबकि ये प्रोजेक्ट 50 मेगावाट से अब 110 मेगावाट तक पहुंच गया है। लेकिन हिमाचल को इससे फ़ायदा नहीं मिल रहा है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि सरकार इस पर कुछ नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री को अफ़सर चला रहे हैं और उनको कुछ पता नहीं है। स्थानीय विधायक प्रकाश राणा हेलीकॉप्टर में घूमते हैं उनको धरातल की हकीकत का कुछ पता नहीं है। इसलिए हिमाचल संघर्ष समिति मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया जाएगा।</p>
<p> 1926 में शुरू हुई 48 मेगावाट शानन विद्युत परियोजना आज ख़स्ताहाल है। वर्ष 1985 में इस परियोजना का नवीनीकरण कर इसे 110 मेगावाट का बना दिया गया। लेकिन मंडी का आज भी 3 फ़ीसदी हिस्सा है। मंडी के तत्कालीन राजा जोगिंदर सेन ने ही मंडी के हक़ की लड़ाई लड़ी थी।</p>
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