बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मंख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रदेश में बेटियों के साथ बढ़ते अपराधों को लेकर चिंता जताई है। शांता ने कहा कि बेटियों के साथ शर्मनाक अपराध की कहानी कुछ साल पहले हिमाचल के गुड़िया कांड से शुरू हुई। हिमाचल के गुडिया कांड से शुरू वह शर्मनाक कहानी पूरे देश का चक्कर काट कर कल फिर हिमाचल के सलूनी में हुए कांड पर पहुंच गई।
शांता ने कहा कि हिमाचल के इतिहास में गुडिया कांड पहला ऐसा कांड था जिसमें जनता ने पुलिस थाना जलाया। पुलिस प्रमुख आईजी समेत सात पुलिस अफसर सालों जेल में रहे, आज भी हैं। उसी प्रकार सलूणी कांड भी पहला ऐसा कांड है जिसमें विवाह के लिये इंकार करने पर लड़की की हत्या कर दी। इन अपराधों के कारण देव भूमि राक्षस भूमि बनती जा रही है।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा कारण यह है कि या तो पीड़ितों की शिकायत लिखी ही नहीं जाती और लिखी भी जाती है तो पूरी ईमानदारी और कुशलता के साथ जांच नहीं हो पाती। इतना ही नहीं अदालतों में पहुंचने वाले मामलों में सजा भी बहुत कम अपराधों में होती हैं। गुडिया कांड के असली अपराधी उसी गांव में खुलेआम घूम रहे हैं। कल्पना करें जिस परिवार की गुड़िया बेटी के साथ ऐसा व्यवहार हुआ हो उसी परिवार के सामने उसी गांव के अपराधी खुलेआम घूम रहे है तो उस परिवार के दिल पर क्या बीत रही होगी। उन अपरााधियों को खुलेआम देख कर अपराध करने वालों को होंसला मिलता है। मैंने गुड़िया कांड की दोबारा नये तरीके से जांच का सुझाव सरकार को दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से फिर आग्रह किया कि वह जांच अवश्य करायें।
उन्होंने कहा प्रतिदिन ऐसे समाचार पढ़कर दिल दहल जाता है शर्म आती है और बेटियों का भविष्य असुरक्षित लगता है। हिमाचल जैसे प्रदेश के आज के समाचार को पढ़कर बहुत अधिक व्यथित हूं। समझ नहीं आता क्या करूं और कहां भाग जाऊं।