<p>जिला कांगड़ा के अतिदुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल की धारों में फंसे भेड़पालकों के सुध आज भी जिला प्रशासन नहीं ले रहा है। करीब 500 से अधिक भेड़पालक और करीब 3000 जानवर बड़ा भगाल की मराला धार और आस पास की धारों में फंसे हुए हैं। जिसे मामले के लिए जिला प्रशासन तैयार नहीं है, जबकि राजस्व विभाग में भी उन भेड़ पालकों का नाम दर्ज है। लेकिन प्रशासन आज भी ढिलमुल रवैया अपनाएं हुए है। जिला प्रशासन का कहना है कि बड़ा भंगाल में राशन पहुंचा दिया गया है, लेकिन जो भेड़ पालक इस समय बड़ा भंगाल की धारों में फंसे हुए हैं उन्हें अभी तक प्रशासन की तरफ से अनाज का एक दाना तक उपलब्ध नहीं हुआ है।</p>
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<p>यह बात हम नहीं बल्कि एक सप्ताह पहले बड़ा भंगाल की धारों से वाया जालसू जोत होते हुए आए भेड़पालक राजकुमार ने कही है। वीरवार को धर्मशाला अपने भेडपालक साथियों के साथ जिला प्रशासन को सहीं स्थिति अवगत करवाने के लिए पहुंचे राजकुमार बताते हैं कि इस समय शून्य डिग्री तापमान में भेड़ पालक अपनी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे है, लेकिन जिला प्रशासन उन्हें कोई भी मदद उपलब्ध नहीं करवा रहा है। कुछ दिनों पहले प्रशासन की लापरवाही की वजह से राकेश कुमार और 300 से अधिक भेड़ बकरियों की मौत हो गई थी।</p>
<p>ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन दोबारा किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। वहीं, राज कुमार के साथ आए अक्षय जसरोटिया का कहना है कि अगर कोई विदेशी इन धारों में फंस जाता तो तुरंत दो-तीन हैलीकॉप्टर उसके रेस्कयू के लिए पहुंच जाते, लेकिन यह गरीब भेड़पालक अपनी रोजी-रोटी के लिए धारों में भेड़े चराने के लिए हर वर्ष जाते हैं। रास्ता खराब होने की सूचना प्रशासन को मई माह में दे दी गई थी लेकिन, आज दिन तक प्रशासन ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई।</p>
<p>वहीं, राजकुमार ने कहा कि प्रशासन बड़ा भगाल का नाम लेकर गुमराह करने का प्रयास कर रहा है क्योंकि बड़ा भगाल में जो लोग रहते है वह तो सुरक्षित है लेकिन जो लोग बड़ा भगाल की धारों में फंसे हुए है उनका संख्या करीब 500 से अधिक है जो अलग-अलग धारों में अपनी भेड़ बकरियों व जानवारों के साथ फंसे हुए है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>बड़ा भगाल में दो दिन से टूटा संपर्क</strong></span></p>
<p>बड़ा भंगाल गांव में संपर्क का एकमात्र साधन भी अब टूट चुका है क्योंकि लगातार धौलाधार की पहाड़ियों पर हो रही बर्फबारी के चलते वहां मौजूद एकमात्र टेलीफोन भी अब बंद हो चुका है और उसे मरम्मत करवाने के लिए भी अभी तक प्रशासन ने कोई सुध तक नहीं ली है। ऐसे में अगर बड़ा भगाल में कोई आपातकाल की स्थिति उत्पन्न होती है तो किसी को इसकी सूचना तक नहीं मिल पाएगी।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>भेड़पालकों की जिला प्रशासन को चेतावनी</strong></span></p>
<p>जिला प्रशासन के पास वीरवार को जानकारी देने पहुंचे भेड़पालकों का साफ कहना था कि अगर बड़ा भगाल में किसी प्रकार की कोई अनहोनी घटना घटित होती है तो जिलाधीश कार्यालय के बाहर भेड़पालक धरना प्रदर्शन करेंगे, और इसका सीधी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। </p>
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