हिमाचल प्रदेश में 200 करोड़ की लागत से 60 छोटी बड़ी मंडियां चल रही है। अब 111 करोड़ से नई मंडियां बनेगी जिनको आज बैठक में सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी गई है। ये जानकारी मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने दी। उन्होंने बताया कि ढली सब्ज़ी मंडी का विस्तार करने के लिए 15 करोड़ खर्च होगा। शिलारू में नई मंडी बनाई जाएगी जिस पर साढ़े 7 करोड़ ख़र्च होगा।
खड़ापत्थर मंडी का काम भी चल रहा है। रोहड़ू के मेहण्दली में 20 करोड़ की मंडी बनेगी। सिरमौर के सराहा में 3 करोड़ की लागत से बड़ी मंडी प्रस्तावित है। ऊना रामपुर में भी 29 करोड़ की मंडी बनेगी। जिसके लिए साढ़े 6 करोड़ मंजूर कर दिए है। परवाणू में 6 करोड़ की बड़ी सेब की मंडी बनाने का प्रयास है। कुल्लू व पराला में भी मंडियों का विस्तार किया जाएगा। 15 मंडियों के लिए 6.75 करोड़ ई नेम के पैकिंग ग्रिडिंग खर्च करने जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्र ने ई-नेम प्रोजैक्ट के लिए हिमाचल की 19 मंडियां चयनित कर रखी हैं। इस प्रोजैक्ट में किसानों-बागवानों के उत्पादन ऑनलाइन बेचे जाने का प्रावधान है। इस व्यवस्था में राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ीं देशभर की 100 से ज्यादा मंडियों में हिमाचल का किसान-बागवान प्रदेश की चयनित 19 मंडियों में बैठकर देश के किसी भी कोने में अपने उत्पाद बेच सकता है। कृषि व बागवानी उत्पाद ऑनलाइन बिकते ही किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन पेमैंट जमा करने का प्रावधान है।
हिमाचल में मार्केटिंग बॉर्ड कोई मार्केटिंग फीस नहीं लेते सिर्फ़ आढ़तियों से मात्र 3 रुपए प्रति पेटी ली जाती है। मार्केटिंग बोर्ड को शुल्क के रूप में पिछले वर्ष में 2.54 मिले जबकि इस वर्ष 4.28 करोड़ की बसूली की।