मुख्यमंत्री जय रामठाकुर ने विलुप्त होने की कगार पर जंगली चैहड़ फिजेंट प्रजाति के पक्षी को शिमला जिला के कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के सेरी गांव में छोड़ा गया। इस दुर्लभ चैहड़ फिजेंट के संरक्षण और प्रजनन में प्रदेश का वन्य प्राणी प्रभाग, (वन विभाग) सराहनीय कार्य कर रहा है। विभाग द्वारा इस चैहड़ पक्षी का भी संरक्षण व प्रजनन किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पक्षी के लुप्त होने वाले खतरों को भांपते हुए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा इसके संरक्षण व प्रजनन के लिए चिन्हित किया गया था। इसका प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार के दुर्लभ पक्षियों की संख्या बढ़ना है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि यह पक्षी विलुप्त होने की कगार पर है और वन्य प्राणी विभाग इसके संरक्षण व प्रजनन में सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रजाती का एक जोड़ा भी नजदीक के जंगल में छोड़ा जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त कि की यह पक्षी जंगल में संरक्षित रहेगा और इसकी आबादी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है और किसी भी जानवर का शिकार करना एक अपराध है। उन्होंने राज्य वन्य प्राणी विभाग के कार्यों की सराहना करते हुए, उनसे इस कार्य को भविष्य में जारी रखने का आग्रह किया ताकि चैहड़ फिजेंट की संख्या में बढ़ौतरी हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव हमारे वनों के अभिन्न अंग हैं और इनके लिए ऐसा वातावरण स्थापित किया जाना चाहिए जिसमें वह स्वतंत्रतापूर्वक और बिना किसी भय से रह सकें। उन्होंने कहा कि यह पक्षी न केवल लोगों को आकर्षित करते हैं बल्कि पर्यावरण को व्यहार्य और सतत् बनाते हैं। वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि चैहड़ फिजेंड हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वालो एक दुर्लभ और खूबसूरत पक्षी है तथा इस प्रजाति के पक्षियों को बचाने के लिए सभी लोगों को प्रयास करने चाहिए।