बीते एक सप्ताह से चल रहा करुणामूलक संघ का क्रमिक अनशन अब आमरण अनशन में बदल गया है। बता दें कि करुणामूलक आश्रित शिमला में अपनी मांगों को लेकर क्रमिक अनशन पर बैठे थे। लेकिन सरकार ने 7 दिन तक आश्रितों की कोई सुध नहीं ली जिससे करुणामूलक संघ ने अब आमरण अनशन का रास्ता अपनाया है। उन्होंने साफ तौर पर सरकार को चेतावनी दी है कि अब भी अगर ने सुध नहीं ली और उनको आमरण अनशन करने से रोका तो वे परिवार समेत अनशन पर बैठ जाएंगे जिसकी सीधी जिम्मेवार सरकार होगी।
प्रदेश करुणामूलक संघ के अध्यक्ष पमिल कुमार ने कहा कि संघ पिछले सात दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठा है। लेकिन इस दौरान सरकार तक उनकी बात नहीं पहुंच पाई और कोई भी सरकार का प्रतिनिधि उनसे बात करने तक नहीं पहुंचा है। इसके चलते मजबूरन संघ के 6 लोग आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। ये अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार आश्रितों के लंबित पड़े मामलों का एकमुश्त निपटारा नहीं कर लेती है। इस दौरान अगर किसी भी आश्रित को कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदार सरकार होगी।
उन्होंने कहा कि पिछली दोनों सरकार ने केवल अपने चहेतों के निपटारे ही किए हैं और नौकरियां दी है। लेकिन 15-15 साल से नौकरी का इंतज़ार कर रहे हजारों आश्रितों को नौकरी नहीं मिली है। इसलिए अब करुणामूलक संघ अनशन करने को मजबूर है। सरकार आज ही कैबिनेट की मीटिंग में करुणामूलक आश्रितों को राहत देने का फैसला करें।