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शिमलाः नगर निगम की मासिक बैठक में पार्षदों ने खूब जमकर किया हंगामा

पी. चंद, शिमला |

शिमला शहर में जल निगम द्वारा दिए जा रहे भारी भरकम बिलो और नगर निगम की दुकानों के किराए में हुई बढ़ोतरी को लेकर आज नगर निगम की मासिक बैठक में खूब जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस पार्षदो के साथ भाजपा पार्षदो ने भी पानी के बिलो को कम करवाने की मांग की वहीं कांग्रेस पार्षद और व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने सदन शुरू होते ही दुकानों के बढ़ाएं गए किराए का मामला सदन में उठाया और किराया दोबारा निर्धारित करने की मांग उठाई। वहीं, इस मुद्दे पर भाजपा के पार्षद भी महापौर और उप महापौर से उलझ गए उप महापौर द्वारा पूर्व की नगर निगम के महापौर द्वारा कमेटी बनाने की बात कही और इस पर पूर्व महापौर भड़क गई और सदन में जम कर हंगामा हुआ। बीजेपी पार्षद संजीव ठाकुर ने भी दुकानदारों को राहत देने की बात कही इस दौरान नगर निगम के आयुक्त पंकज राय ने दुकानों के किराए को दोबारा निर्धारित करने के लिए कमेटी गठित करने की बात कही। वही पानी के भारी भरकम बिलो के खिलाफ भी सभी पार्षदो ने सदन में मोर्चा खोला और कोर एरिया के लोगो को पानी के रेट कम न करने पर जम कर हंगामा किया और सदन के बीच आ कर हो हल्ला करने लगे। पार्षदो का आरोप है कि बीओडी की बैठक में मर्ज एरिया का पानी के रेट कम कर दिए है और शहर के बराबर रखा गया जबकि 14 रुपए शहर का करने की मांग की गई थी

कांग्रेस पार्षद इंदरजीत सिंह ने कहा कि नगर निगम ने दुकानों के किराए में सौ गुना वृद्धि कर दी है और दुकानदार बड़ा हुआ किराया देने में असमर्थ है। इससे पहले भी कई बार नगर निगम के समक्ष ये मामला उठाया गया लेकिन इसमें कोई राहत नही दी जा रही है । उन्होंने कहा कि आयुक्त ने अब कमेटी बनाने की बात कही है । वही शहर में पानी के बिल भी काफी ज्यादा आ रहे है इसके लिए नगर निगम कोई बात तक नही उठा पा रहा है। वहीं संजीव ठाकुर ने कहा कि शहर के दुकानदारों को नगर निगम ने मनमाने तरीके से किराया बड़ा दिया है । दुकानदार ये किराया नही दे पा रहे है और निगम से नियमो के तहत किराया निर्धारित करने की मांग की गई है । इसके अलावा शहर में मर्ज एरिया के पानी के बिल कम कर दिए लेकिन शहर के क्षेत्रों को लेकर महापौर ओर उपमहापौर न कोई बात नही रखी है।

वहीं पार्षद आरती चौहान ने कहा कि पानी के भारी भरकम बिल से जनता परेशान है,केवल मर्ज वार्डों को राहत दी गयी है जबकि 18 कोर वार्डों को बिलों में कोई राहत प्रदान नही की गई है।उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन बोर्ड की आज जो बैठक हुई है उसमें कोर एरिया को कोई राहत नही मिली है। महापौर और उपमहापौर इस प्रबंधन बोर्ड के सदस्य है उन्होंने जनता को निराश किया है। वहीं नगर निगम की बैठक में टाउन हॉल का मुद्दा भी चर्चा का विषय रहा जिसपर सदन में पार्षद भड़क उठे।  ऐतिहासिक टाउनहाल हाल में सदन और पार्षदो के बेठने के लिए रूम दिए जाने के लिए अब नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना लिया है । हाई कोर्ट ने टाउन हॉल में महापौर और उप महापौर के बैठने के अलावा कोई भी अन्य गतिविधि न करने के निर्देश जारी किए है । जिसके बाद नगर निगम की ई विधान को लागू करने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। नगर निगम को ई विधान के लिए अलग से सदन बनाने जा रहा था और टाउनहाल में ही सदन बनाना चाहता था लेकिन हाई कोर्ट ने नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है और नगर निगम के पास सदन बनाने के लिए कोई और जगह नही है। नगर निगम की मासिक बैठक में पार्षदो ने ये मामला उठाया और महापौर से सरकार के समक्ष इस मामले को प्रमुखता से उठाने की मांग की और पार्षदो का कहना है कि टाउनहाल नगर की अपनी सम्पति है और निगम ही यहां अपना सदन नही बना पा रहा है । और नगर निगम को हर माह बचत भवन में मासिक बैठक करनी पड़ रही है । वही सदन में ये फैसला लिया गया कि हाई कोर्ट से यदि राहत नही मिलती है तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया जाए । पार्षद राकेश चौहान ने कहा कि पार्षदों को इ विधान का प्रशिक्षण दिया गया है कब नगर निगम में ई विधान सुविधा सुविधा मौहया करवाई जाएगी जबकि महापौर ने आश्वासन दिया था कि अगला हाउस टाउन हॉल में होगा।परन्तु आज यह जवाब मिला कि कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी है।इसलिए नगर निगम को टाउन हाल के लिए सर्वोच्च न्यायलय जाना चाहिए।