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शिमला: निज़ी स्कूलों की मनमानी लूट के खिलाफ छात्र अविभावक मंच ने किया शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन

पी. चंद, शिमला |

छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूलों की मनमानी, लूट और प्रदेश सरकार के आदेश की अवहेलना के ख़िलाफ़ निदेशक उच्चतर शिक्षा और प्रारम्भिक शिक्षा के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन और नारेबाज़ी की। इस दौरान शिक्षा निदेशक को भी मंच ने अपनी मांगे बताई। मंच का कहना है की कैबिनेट के फैसले के अनुसार साल 2019 की तर्ज़ पर ही निजी स्कूल टयूशन फीस वसूल सकते हैं। लेकिन ये स्कूल साल 2019 के बजाए साल 2020 की फीस बढ़ोतरी के साथ टयूशन फीस वसूल रहे हैं। पिछले साल की तुलना में टयूशन फीस को चार से पांच गुणा बढ़ाकर अभिभावकों पर कोरोना काल की तिमाही में ही दस से पन्द्रह हज़ार रुपये का अतिरिक्त बोझ लाद दिया है। यहां तक कि क्रेच और प्ले स्कूल भी अविभावकों को लूट रहे हैं ये लूट बंद होनी चाहिए।

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि कैबिनेट के निर्णय के अनुसार साल 2019 की तर्ज़ पर ही निजी स्कूल टयूशन फीस वसूल सकते हैं लेकिन ये स्कूल साल 2019 के बजाए साल 2020 की फीस बढ़ोतरी के साथ यह टयूशन फीस वसूल रहे हैं। इन स्कूलों ने पिछले साल टयूशन फीस, एनुअल चार्ज, एडमिशन फीस, कम्प्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास रूम चार्ज, स्पोर्ट्स चार्ज, केयरज़ फंड, मिसलेनियस फंड, बिल्डिंग फंड, डेवेलपमेंट फंड और अन्य सभी प्रकार के फंड फीस के रूप में विभिन्न मदों में ली गयी फीस को इस वर्ष केवल टयूशन फीस में सम्माहित कर दिया है। और पिछले साल की तुलना में टयूशन फीस को चार से पांच गुणा बढ़ाकर अभिभावकों पर कोरोना काल की तिमाही में ही दस से पन्द्रह हज़ार रुपये का अतिरिक्त बोझ लाद दिया है।

उधर, शिक्षा निदेशक अमरजीत सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को सिर्फ़ फ़ीस लेने के आदेश जारी किए हैं। यदि कोई स्कूल इसकी अवहेलना कर रहा है तो उसके ख़िलाफ़ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। मनमानी करने वाले स्कूलों की एनओसी तक छीनी जा सकती है।