शिमला नागरिक सभा ने डेंटल कॉलेज शिमला में हुई सामान की खरीद में हुई अनियमितताओं को लेकर स्वास्थय मंत्री कौल सिंह ठाकुर को पत्र लिखा है। इस पत्र में डेंटल कॉलेज में अनियमितताओं की जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है।
शिमला नागरिक सभा के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि वर्ष 2014 में डेंटल कॉलेज में सामान और उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर आमंत्रित किये गए थे। IDS डेनड एंड कंपनी को सामान और उपकरणों की खरीददारी का टेंडर दिया गया था।
हालांकि, डेंटल कॉलेज की कमेटी ने कंपनी के घटिया सामान और ज्यादा रेट पर आपत्तियां जाहिर की थी। कंपनी ने एक आटोक्लेव इंस्ट्रूमेंट की कीमत डेढ़ लाख ली गई जबकि इसकी वास्तविक कीमत 40 हज़ार से ज्यादा नहीं थी। इस में डेंटल कॉलेज को कुल मिलाकर 10 लाख का घाटा हुआ। कमेटी द्वारा सामान को रिजेक्ट किया गया परन्तु न तो कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया गया और न ही जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
एक और मामला 60 डेंटल कुर्सियों की खरीद से जुड़ा है जिसमें सीवीसी के निर्देशों की अवहेलना की गई। एल वन कुर्सियों की जगह एल टू कुर्सियां खरीदी गईं। जो कुर्सीयां 1 लाख 90 हजार में खरीदी जानी चाहिए थी वो 2 लाख 63 हजार में खरीदी गई। इसमें डेंटल कॉलेज को 42 लाख 92 हजार का नुकसान हुआ।
गौरतलब है कि इस संदर्भ में ऑडिट डिपार्टमेंट ने कुछ सवाल खड़े किए थे और भारी अनियमितताओं के सिलसिले में यह मामला विजिलेंस विभाग को भेजा गया है। ऑडिट डिपार्टमेंट ने इसे आर्थिक नुकसान का मामला बताया है।