➤ चमियाना सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 23 वर्षीय युवती की भोजन नली से सिक्का निकाला गया
➤ 15 साल से सिक्का फंसा था, एंडोस्कोपी तकनीक से 20 मिनट में सफल ऑपरेशन
➤ डाॅ. बृज शर्मा की टीम ने किया दुर्लभ केस में सफल उपचार
राजधानी शिमला के अटल इंस्टीट्यूट और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना में चिकित्सकों ने चिकित्सा इतिहास का एक दुर्लभ कारनामा कर दिखाया है। अस्पताल के गैस्ट्रो विभाग की टीम ने 23 वर्षीय युवती की खाने की नली (फूड पाइप) में फंसे सिक्के को आधुनिक एंडोस्कोपी तकनीक की मदद से बाहर निकालने में सफलता हासिल की है। यह सिक्का युवती की नली में लगभग 15 वर्षों से फंसा हुआ था, जिससे उसे सामान्य रूप से भोजन निगलने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
युवती के परिजनों के अनुसार, जब वह दूसरी कक्षा में पढ़ती थी, तब उसने अनजाने में सिक्का निगल लिया था। कई अस्पतालों में जांच और उपचार के बावजूद सिक्का बाहर नहीं निकाला जा सका। इस वजह से युवती को वर्षों तक केवल तरल भोजन जैसे दलिया और ग्राइंड किया हुआ खाना ही लेना पड़ता था।
अंततः उसे चमियाना सुपर स्पेशलिटी अस्पताल लाया गया, जहां प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. बृज शर्मा की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम — डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. विशाल बोध और डॉ. आशीष चौहान — ने केवल 20 मिनट के भीतर आधुनिक एंडोस्कोपी उपकरणों की सहायता से सिक्के को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया।
डॉ. बृज शर्मा ने बताया कि यह मामला चिकित्सा विज्ञान के दृष्टिकोण से बेहद दुर्लभ है क्योंकि इतने लंबे समय तक किसी भी धातु का खाने की नली में फंसे रहना अत्यंत जोखिमपूर्ण होता है। इसके बावजूद युवती की जीवन रक्षा और पूर्ण उपचार संभव हो पाया, जो टीम की कुशलता और आधुनिक चिकित्सा तकनीक का उत्कृष्ट उदाहरण है।
उन्होंने बताया कि सिक्के को निकालने के बाद मरीज का सिटी स्कैन और अन्य परीक्षण किए गए, जिनमें सब सामान्य पाया गया। युवती की स्वास्थ्य स्थिति अब स्थिर है और शनिवार तक उसे अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है। उपचार के बाद अब वह सामान्य भोजन खा और निगल सकेगी।
डॉ. बृज शर्मा ने कहा कि यह सफलता आधुनिक चिकित्सा उपकरणों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम वर्क का परिणाम है। यह उपलब्धि न केवल चमियाना अस्पताल के लिए बल्कि पूरे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था के लिए गर्व की बात है।



