मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सरकार ने इस मर्तबा सी ग्रैड सेब का न्यूनतम रेट 8 रुपये निर्धारित किया था। इस सेब सीजन के दौरान 117 सेब केंद्र हिमफेड के पास थे। हिमफेड सरकार द्वारा तय मापदंडों के मुताबिक ही हिमफेड सेब क्रय करता है। बैग में सी ग्रैड का सेब खरीदा जाता है। जिसकी सारी रिपोर्ट सरकार को दी जाती है। इस मर्तबा 28000 मैट्रिक टन हिमफेड ने खरीदा है जिसकी क़ीमत 22 करोड़ 37 लाख 49 हज़ार 400 है। ये जानकारी हिमफेड के उपाध्यक्ष गणेश दत्त ने दी।
उन्होंने बताया कि इस मर्तबा 7 लाख से ज्यादा सेब के बैग लगे। हिमफेड ने 8 करोड़ 12 लाख का सेब बेचा। हिमफेड ने 55 पैसे घाटे के साथ 2 रुपये 95 पैसे में सेब बेचा। जबकि सरकार ने रेट साढ़े तीन रुपये तय किए थे। लेकिन बम्पर प्राइज के चलते कम रेट में सेब बिका है। सरकार हिमफेड को हुए घाटे को पूरा करने के लिए मदद करे। इस सेब सीजन में हिमफेड की किसी तरह की शिकायत नहीं आई है। इन्वेस्टर मीट में 93000 करोड़ का निवेश बागवानी क्षेत्र में आया है सरकार हिमफेड के ढांचे को इस्तेमाल कर सकती है। सरकार हिमफेड को भी इसमें भागीदार बनाएं।