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शिमला: प्रदेश में खनन गतिविधियों को व्यवस्थित करने के निर्देश जारी, अवैध खनन रोकने में मिलेगी मदद

पी. चंद, शिमला |

प्रदेश सरकार ने राज्य में खनन स्थलों से खनन और सामग्री की ढुलाई को व्यवस्थित करने के लिए सभी जिलों में तैनात खनन अधिकारियों द्वारा अनुपालना के लिए अतिरिक्त निर्देश जारी किए गए हैं। इससे अवैध खनन को रोकने में मदद मिलेगी। इस बारे में जानकारी देते हुए उद्योग विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि निर्देशों के अनुसार, खनन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि खनन पट्टाधारकों द्वारा 25 मार्च 2020 तक सभी लघु खनिजों के डम्प को खनन पट्टा स्थलों से हटा दिया जाए और उन्हें खनन पट्टा स्थल से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी पर स्थानांतरित किया जाए।

नए डम्प की अनुमति खनन पट्टा स्थल से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी पर ही दी जाए। डंपिग स्थलों पर सूचना बोर्ड लगाकर पट्टेदार का नाम, खनन पट्टे का नाम और खनन पट्टे की अवधि को दर्शाया जाना अनिवार्य होगा। यदि जेसीबी और पोकलेन जैसी यांत्रिक मशीनों द्वारा अवैध खनन किया जाता है तो ऐसे मामलों में जेसीबी मालिक/ड्राईवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेसीबी/मकैनिकल एक्सक्वेटर मशीनों को जब्त किया जाएगा।

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अगर खनन पट्टाधारक स्वीकृत खनन योजना के नियमों और शर्तों के उल्लंघन करता है और जेसीबी, पोकलेन आदि जैसी यांत्रिक मशीन का उपयोग करके कोई अनाधिकृत खनन या अवैज्ञानिक खनन में लिप्त पाया जाता है, तो संबंधित खनन अधिकारी तुरंत एफआईआर दर्ज करवाकर और अवैध खनन गतिविधियों को बन्द करेगा और सक्षम प्राधिकारी को खनन पट्टे को समाप्त करने के लिए मामले की सिफारिश करेगा। ऐसे मामले जहां वाहन अवैध खनन सामग्री ले जाते हुए पकड़ा जाता हैं तो खनन अधिकारी ऐसे वाहनों के पंजीकरण को रद्द करने के लिए संबंधित आरटीओ को लिखेंगे। खनन सामग्री के अवैध परिवहन में बार-बार संलिप्त पाए जाने वाले वाहनों को कोई पारगमन परमिट नहीं दिया जाएगा।

प्रवक्ता ने कहा कि खनन अधिकारी ओवरलोडिंग करने वाले पट्टाधारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। उनका पट्टा समाप्त किया जाएगा और विस्तारित बॉडी वाले वाहनों के खिलाफ संबंधित अधिनियम व नियमों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए मामला क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को भेजा जाएगा। विस्तारित बॉड़ी वाले वाहनों को कोई भी पारगमन परमिट जारी नहीं किया जाएगा। खनन अधिकारी खनन गार्डों, सहायक खनन निरीक्षकों, खनन निरीक्षकों द्वारा निरीक्षण के लिए रोस्टर जारी करेंगे, ताकि फील्ड कर्मचारियों की सेवाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग और संवेदनशील क्षेत्रों, नदी के तल तथा अन्य क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि खनन अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी खनन पट्टे क्षेत्रों में लीज सीमा को स्पष्ट रूप से दर्शाने के लिए बाउंडरी पिल्लर लगाए गए हैं। यदि पट्टाधारक बाउंडरी पिल्लर स्थापित नहीं करता है तो खनन गतिविधियों को निलंबित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन के परामर्श से खनन अधिकारी उन स्थानों की पहचान करेंगे जहां बैरियर तथा तौल पुल लगाए जाने की आवश्यकता है ताकि सीमा पार जाने वाले वाहनों का निरीक्षण/तौल और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। खनन अधिकारी जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट से धन के अनुमोदन और आवंटन के लिए संबंधित उपायुक्तों को प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे ताकि पर्यावरण संरक्षण और सतत् खनन गतिविधियों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। इन प्रस्तावों को 31 मार्च, 2020 तक जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की गवर्निंग काउंसिल में प्रस्तुत किया जाएगा और उसके बाद शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

प्रवक्ता ने बताया कि सभी खनन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन निर्देशों का तत्काल कार्यान्वयन सुनिश्चित करें। ऐसा करने में विफल रहने को गंभीरता से लिया जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य भूविज्ञानी एक प्रारूप तैयार करेंगे, जिसके माध्यम से खनन अधिकारी हर माह निदेशक, उद्योग को मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए खनन अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई की निगरानी निदेशक उद्योग और राज्य भूविज्ञानी द्वारा की जाएगी।