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शिमला-कसौली से आगे निकल पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा सोलन, ये है वजह…

<p>बाहरी राज्यों से सैलानियों और स्थायी रूप से आशियाना ढूंढने वाले लोगों के लिए सोलन एक पंसदीदा शहर बनता जा रहा है। बीते कुछ सालों में सोलन की वादियों और वातावरण ने पर्यटकों को अपनी और आकर्षित किया है। आलम यह है कि हिमाचल के शिमला और कसौली पर्यटक स्थलों को सोलन अब तेजी से पछाड़ता नजर आ रहा है। इसका मुख्य कारण एक तो मोहन शक्ति हेरिटेज पार्क और दूसरा दक्षिण भारत की कलात्मक शैली की तरह से निर्मित शिव मंदिर है जो बाहर से आने वाले पर्यटकों को अपनी और खूब आकर्षित कर रहे हैं।</p>

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<p>शक्ति हेरिटेज पार्क (हरठ) की बात करें तो ये सोलन में अश्वनी खड के किनारे बना है और पर्यटकों के हिसाब से केंद्र बिंदु बन चुका है। आए दिन यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।</p>

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<p>मोहन शक्ति हेरिटेज पार्क एक आगामी विरासत पार्क है जिसका उद्देश्य वैदिक विज्ञान का अध्ययन करना और वेदों और प्राचीन भारतीय संस्कृति के निष्कर्षों के बारे में युवा पीढ़ी को शिक्षित करना है। ये पार्क सोलन ब्रूअरी से कालका-शिमाला एनएच 22 पर शक्ति स्थल पर स्थित है।</p>

<p>वहीं, सोलन के जटोली में स्थित शिव मंदिर की बात करें तो ये मंदिर दक्षिण भारत की कलात्मक शैली से बनाया गया है। और यह मंदिर पूरे देशवासियों के लिए श्रद्धा का केंद्र बिंदू बन गया है। गौरतलब है कि यह मंदिर एशिया में शिव भगवान का सबसे ऊंचा मंदिर है। शिवरात्री को यहां भारी संख्या में शिव भक्त उमड़ते हैं। मंदिर की खास बात यह है कि यह दक्षिण-द्रविड़ शैली से बना है और मंदिर को बनकर तैयार होने में करीब 39 साल का समय लगा है। इस मंदिर के पिछे मान्यता है कि पौराणिक समय में भगवान शिव ने यहां कुछ समय तक विराजमान रहे थे। बाद में एक सिद्ध बाबा स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने यहां आकर तपस्या की और उनके मार्गदर्शन पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण शुरू हुआ।</p>

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<p>करोड़ों रुपये की लागत से बने इस मंदिर का निर्माण जनता द्वारा दिए गए पैसे से हुआ है। यही कारण है कि मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने में तीन दशक से भी अधिक का समय लगा। मंदिर में कला और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है। मंदिर की ऊंचाई 111 फुट है और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार यह मंदिर एशिया के सबसे ऊंचे मंदिरों में शामिल है। मंदिर के चारों तरफ विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं, जबकि मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग की स्थापना के साथ भगवान शिव और पार्वती मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। मंदिर के बिलकुल ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचे विशाल सोने के कलश की स्थापना की गई है।</p>

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इसके अलावा सोलन में जटोली मंदिर, हरठ, काली का टिब्बा, नौणी विश्वविद्यालय और अन्य कई ऐसे स्थान हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अतिरिक्त सोलन में चिकित्सीय सुविधाएं, अन्य पर्यटक स्थलों की अपेक्षा अधिक पार्किंग स्थान, एक जैसा सुहावना तापमान, खरीदारी करने के लिए बड़ा बाजार व शैक्षणिक हब जैसी अनेक सुविधाएं हैं जो कि को अन्य पर्यटक स्थलों से भिन्न करती है।</p>

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