संगीत नाटक अकादमी द्वारा शिमला के केदार ठाकुर को बिस्मिलाह खान पुरस्कार से नवाज़ा गया है। ये शिमला ही नहीं बल्कि हिमाचल के कलाकारों के लिए मील का पत्थर है। टीवी एवं 4जी के युग में नाटक मंचन को अपना करियर बनाना आसान काम नहीं है। लेकिन केदार ठाकुर ने नाटक निर्देशन को विपरीत परिस्थितियों में भी नहीं छोड़ा और परिणामस्वरूप इतना बड़ा पुरस्कार हासिल किया।
शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर ने कई कलाकार दिए हैं, जिनमें केदार ठाकुर भी एक है। इनमें से ज्यादातर को रंगमंच के क्षेत्र में इतना बड़ा सम्मान मिला है। केदार ठाकुर का कहना है कि रंगमंच को चुनना आज के समय में खतरे से खाली नहीं है, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः उसका ईनाम मिला। बाबजूद इसके धन की कमी रंगमंच में सबसे बड़ी बाधा रहती है।
गौरतलब है कि केदार ठाकुर कई हिंदी फिल्मों में भी काम कर चुके है। हिमाचल के कलाकारों की प्रतिभा को उभारने के लिए भी केदार काम करते रहे हैं।