<p>हिमाचल में NGT के आदेशों के बाद बबाल मचा हुआ है। शिमला नगर निगम की मासिक बैठक में भी एनजीटी के आदेशों की गूंज सुनाई दी। इस पर नगर निगम सदन खूब गरमाया। NGT के आदेशों को जन विरोधी करार देते हुए पार्षदों ने एकमत प्रस्ताव पारित किया और रिव्यु के लिए सरकार को भेजने का निर्णय लिया है।</p>
<p>इस प्रस्ताव को तीन दिन के भीतर सरकार को भेजने पर भी निगम बैठक में सहमति बनी है। लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि नगर निगम शिमला के पास शहर में कितने घर है इसका आंकड़ा तक नहीं है। अवैध घरों की बात तो दूर की कोड़ी है।</p>
<p>फिलहाल, शिमला नगर निगम शहर में घरों के आंकड़े टैक्स ब्रांच से जुटाने का मन बना रही है। इसमें सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि नगर निगम शिमला सिर्फ पानी की सप्लाई और सफाई की व्यवस्था देखने का निगम रह गया है। वह भी नगर निगम सही ढंग से नही देख पा रहा है। ऐसे में एनजीटी के निर्णय का तोड़ कैसे निकल पाएगा इस पर भी सवाल है।</p>
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