Follow Us:

शिमला: अब लोगों के सुझावों के अनुरूप बनेगी अब स्मार्ट सिटी, सरकार ने मांगे सुझाव

पी. चंद, शिमला |

जून 2015 में मोदी सरकार द्वारा की गई स्मार्ट सिटी परियोजना की घोषणा अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का केंद्र सरकार ने दावा किया है लेकिन अभी तक एक भी शहर में प्रोजेक्ट पूरी तरह से सिरे नहीं चढ़ पाया है। केंद्र सरकार ने अब स्मार्ट सिटी के लिए लोगों से सुझाव मांगे हैं जिसके आधार पर सरकार शहरों में परियोजनाओं को शुरू करेगी। केंद्र सरकार ने सिटीजन फीडबैक सर्वे शुरू किया गया है जिसमें शहर के लोगों से स्मार्ट सिटी को लेकर सुझाव मांगे गए हैं। 1 फरवरी से लेकर 29 फरवरी तक लोग अपने सुझाव दे सकते हैं।

प्रदेश के दो शहर धर्मशाला और शिमला भी स्मार्ट सिटी के लिए चुने गए हैं जिनके लिए भी शहर के लोगों से नगर निगम ने सुझाव आमंत्रित किए हैं। लोग EOL2019/ORG CITIZEN FEEDBACK वेबसाइट पर जाकर अपने सुझाव दे सकते हैं। इसके पीछे सरकार का मकसद लोगों से उनके शहर की समस्याएं जानना है ताकि उसके आधार पर शहर में स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट शुरू किए जा सके हैं।

वहीं, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शिमला के महाप्रबंधक नितिन गर्ग ने कहा कि शिमला शहर में एनजीटी द्वारा निर्माण पर लगाई गई बंदिशें आड़े आ रही हैं। इसलिए नगर निगम ने 28 कार्य जो एनजीटी के दायरे से बाहर है उनका कार्य शुरू किया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर 4 फरवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक भी होनी है जिसमें नगर निगम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर प्रेजेंटेशन देगा और कुछ प्रोजेक्ट को लेकर मंजूरी भी लेनी है।

उधर, इस बारे में नगर निगम शिमला के संयुक्त आयुक्त अजित भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के दो शहर धर्मशाला और शिमला को भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लिया गया है जिनके लिए नगर निगम ने सुझाव मांगे हैं लेकिन दोंनो शहरों में अभी तक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत नगर निगम सही से काम शुरू नहीं कर पाया है।

बता दें कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शिमला शहर में एस्केलेटर्स, एलिवेटर, लिफ्ट, स्मार्ट पेडस्ट्रेन, पार्किंग और पार्क बनने हैं। जिनके लिए नगर निगम ने टेंडर भी आमंत्रित कर दिये हैं और बहुत जल्द काम शुरू करने का भी दावा नगर निगम शिमला कर रहा है।