शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने आरोप लगाया है कि बीजेपी की सरकार व नगर निगम शिमला शहर की जनता को नित नए तोहफे देने में लगी हुई है। पानी के बिल में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 30 रुपये के बदले 100 रुपये सीवरेज चार्जेज लगा दिए हैं और कूड़े का बिल भी बढ़ा दिया गया है। नगर निगम ने कूड़े के दाम पहले 50 रुपये से बढ़ा कर 70 रुपये किये गये और अब 70 रुपये के बढ़ाकर 80 रुपये कर दिए हैं। सबसे बड़ी बात तो ये है कि अब पानी की तर्ज़ पर ही कूड़े की दरें भी हर साल 10 प्रतिशत बढ़ेंगी।
उन्होंने कहा कि आखिर ये निर्णय है किसका, क्योंकि कूड़े की दरें तो सैहब सोसाइटी की AGM में तय की जाती है और पिछले 3 सालों से AGM की कोई बैठक नहीं हुई है। इससे भी हैरानी इस बात की है कि नगर निगम ने ये निर्णय भी लिया है कि घरों से कूड़ा उठे न उठे पर पैसा एडवांस में लिया जाएगा। नगर निगम की मेयर कुसुम सदरेट ने भी इस बात को माना है। अब मुख्य बात यह है कि क्या नगर निगम शिमला सिर्फ जनता को सुविधाएं मुहैया करवाने के बजाए जनता पर बोझ डालने पर तुला है।