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शिमला: पानी की बंदू-बंद को तरसे कीथ-रूखला गांव के लोग, अगस्त में सिर्फ 1 दिन आया पानी

पी. चंद शिमला |

राजधानी शिमला के उपमंडल कोटखाई के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रावलाक्यार के कीथ-रूखला गांव के लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस गए हैx। कीथ-रूखला गांव में अगस्त महीने में केवल दो घंटे के लिए एक ही दिन पानी आया है और उसके बाद लोगों के नलों में पानी की एक भी बूंद नहीं आई है। जिससे दोनों गांव के लोगों में आईपीएच विभाग के प्रति खासा रोष है।

स्थानीय लोगों का कहना हैं कि कीथ-रूखला गांव को आने वाली पानी की सप्लाई अगस्त महीने में सिर्फ एक ही दिन आई है और यहां की स्थानीय जनता पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस गई है। स्थानीय जनता ने आईपीएच विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसडीओ ओर जेई अपनी मनमानी करते हैं और अपने चहेंतों को ही पानी की सप्लाई हर दिन देते हैं। इतना ही नहीं जब उन्हें फोन किया जाता है या तो वह फोन ही नहीं उठाते या फिर मोटर खराब या फिर बिजली न होने का बहाना बनाते हैं।

लोगों का कहना हैं कि कीथ-रूखला गांव में तो कोई प्राकृतिक पेयजल के स्त्रोत के साधन भी उपलब्ध नहीं हैं जहां से वह पानी ला सकें। ऐसे में लोगों को पानी की काफी दिक्कतें आ रही है। यहां तक की मवेशी भी पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस गए हैं। लोगों को मजबूरन बरसातों का पानी इकट्ठा करना पड़ रहा है जिसका उपयोग वह कपड़ों को धोने और साफ- सफाई के लिए कर रहे हैं। इसके अलावा बरसात के पानी को उबाल कर लोग पीने को भी मजबूर हो गए हैं। लेकिन आईपीएच विभाग इस ओर कोई सुध नहीं ले रहा हैं और न ही स्थानीय लोगों की समस्याएं सुन रहा है। कीथ-रूखला गांव के लोगों ने आईपीएच विभाग को सख्त तौर पर चेतावनी दी हैं कि वह नियमित रूप से कीथ और रूखला गांव में पानी की सप्लाई उपलब्ध करवाएं।