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शिमला: SFI ने महाविद्यालयों में आ रही समस्याओं को लेकर छात्रों से किया सीधा संवाद

पी. चंद, शिमला |

एसएफआई जिला कमेटी के आह्वान पर जिला के सभी महाविद्यालयों संजौली, आरके एमबी, कोटशेरा ठियोग, रामपुर, करसोग, सुन्नी, धामी सावड़ा और सीमा आदि महाविद्यालयों में आ रही समस्याओं को लेकर छात्रों से सीधा संवाद किया। जिसमें छात्रों को आ रही समस्याओं को जानने की कोशिश की। एसएफआई ने मुख्य तौर पर कुछ छात्र मांगों को लेकर प्रैस विज्ञप्ति जारी की।

SFI की मुख्य मांगें:-

1) 6th सेमेस्टर में पढ़ रहे छात्रों की पढ़ाई को सुचारू रूप से चलाया जाए।
2) महाविद्यालयों में रिक्त पड़े अध्यापकों के पदों को भरा जाए ।
3) महाविद्यालय में चल रहे निर्माण कार्यों को अति शीघ्र पूरा किया जाए।
4) छात्रों के पुनः मूल्यांकन के परिणामों को जल्द से जल्द घोषित किया जाए।
5) ICDOL में हुई फीस वृद्धि को वापस लिया जाए।
6) पीटीए के नाम पर हुआ घोटाला की शीघ्र जांच की जाए।
7) फाइन आर्ट कॉलेज की खस्ता हालत को सुधारा जाए।

एसएफआई जिला अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने कहा कि आज के दौर में छात्रों को बहुत परेशानियां झेलनी पड़ रही है। जिसमें से मुख्य तौर पर यूजी के पहले साल के छात्रों का पुनः मूल्यांकन का परिणाम विवि प्रशासन 6 महीने बाद भी नहीं निकाल पा रहा है। जिसके चलते कई सारे छात्र कॉलेज छोड़ चुके हैं और बहुत सारे छात्र अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत परेशान हैं। अनिल ठाकुर ने कहा है कि एसएफआई विवि प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी। जिसकी जिम्मेवार प्रदेश सरकार होगी।

एसएफआई का मानना है कि जिला भर के महाविद्यालयों में पीटीए के नाम पर बहुत बड़ी धांधली हुई है। जिसका जीता जागता उदाहरण रामपुर बुशहर महाविद्यालय में सामने आया है और करसोग महाविद्यालय में भी इसी तरह का एक घोटाला सामने आया है। एसएफआई ने मांग की है कि इन घोटालों की जांच की जाए। एसएफआई ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश के अंदर महाविद्यालयों के शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने में पूरी तरह से असमर्थ रहे हैं।

एसएफआई ने मांग की है कि अगर जल्द से जल्द इन समस्याओं को पुरा नहीं किया गया तो आने वाले समय के अंदर छात्रों को लामबंद करते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ एसएफआई एक उग्र आंदोलन करेगी। जिसकी जिम्मेदार प्रदेश सरकार होगी।