सीटू जिला कमेटी शिमला द्वारा चार मजदूरों को नौकरी से निकालने और 28 अन्य मजदूरों को ड्यूटी से बेदखल करने के खिलाफ शिमला स्थित ओबेरॉय ग्रुप के होटल सेसिल के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया। सीटू ने चेताया है कि मजदूरों को अगर काम पर वापस न लिया गया तो आंदोलन तेज होगा। प्रदर्शन को सीटू राज्याध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, राज्य सचिव रमाकांत मिश्रा व जिला महासचिव अजय दुलटा ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सेसिल प्रबंधन मजदूरों की मानसिक प्रताड़ना कर रहा है।
मजदूरों द्वारा श्रम कानूनों को लागू करने की मांग करने तथा इन मांगों को हासिल करने के लिए यूनियन बनाने पर उन्हें नौकरियों से निकल जा रहा है। उन्हें ट्रांसफर करने की धमकियां दी जा रही हैं। सेसिल प्रबंधन देश में बने सन 1926 के ट्रेड यूनियन एक्ट, सन 1947 में बने औद्योगिक विवाद अधिनियम,सन 1965 के बोनस एक्ट,सन 1942 के छुट्टियों के कानून की सरेआम उल्लंघना कर रहा है। सेसिल व नोवा सिक्योरिटी प्रबंधन द्वारा मजदूरों को नौकरी न छोड़ने पर जान से मारने तक कि धमकियां तक दी जा रही हैं जिसकी लिखित शिकायत दो हफ्ते से बालूगंज थाना के पास विचाराधीन है परन्तु उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के श्रम विभाग के पास इस विवाद की शिकायत किए हुए भी बीस दिन गुज़र चुके हैं परन्तु श्रम विभाग की ओर से मजदूरों की नौकरियों को बचाने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये जा रहे हैं। इस तरह मजदूर भारी परेशानी में हैं। उन्हें न तो पुलिस से न्याय मिल रहा है और न ही श्रम विभाग से कोई मदद मिल रही है। सेसिल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई न होने से प्रबंधन के हौंसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं व प्रबंधन लगातार गैर कानूनी कार्य कर रहा है। प्रबंधन ने पहले बिना कारण बिना किसी नोटिस बिना पूर्व सूचना के चार मजदूरों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकाल दिया व बाद में 28 अन्य मजदूरों को काम पर आने से रोक दिया। उन्होंने मांग की है कि मजदूरों को न्याय प्रदान किया जाए अन्यथा निर्णायक आंदोलन होगा।