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शिमला: प्रदेश में 1000 करोड़ की लागत से स्थापित होंगे सौर ऊर्जा संयंत्र,1700 लोगों को मिलेगा रोजगार

पी. चंद, शिमला |

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की उपस्थिति में मंगलवार को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए सरकार और दो कंपनियों के बीच में 1000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इन संयंत्रों के लगने से सीधे तौर पर लगभग 1700 लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि हजारों लोगों को स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। वहीं, राज्य को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उपलब्ध होगी। इन संयंत्रों को स्थापित करने के लिए ऊना और कांगड़ा जिला में  भूमि का चयन कर लिया गया है।
 
600 करोड़ रुपये के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर प्रदेश सरकार और मैसर्ज रिन्यूवल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के बीच किए गए। इसमें कंपनी के निदेशक प्रभात कुमार मिश्रा ने प्रदेश में 150 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र को स्थापित करने के लिए हस्ताक्षर किए। इस परियोजना में 2021 से उत्पादन शुरू होना प्रस्तावित है और इसमें लगभग 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा। दूसरा, 400 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन सरकार और मैसर्ज सीएसई डवेलपमेंट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के बीच में 100 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र से नवीकरण उत्पादन के लिए कंपनी की ओर से निदेशक बिजनेस डवेलपमेंट एंड हेड ओपन असैस विक्रम मदान ने किया। इस परियोजना के पूरा होने से लगभग 700 लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। राज्य सरकार की ओर से प्रधान सचिव ऊर्जा और नवीकरण ऊर्जा संसाधन प्रबोध सक्सेना ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार जल्द से जल्द इन कम्पनियों को आवश्यक अनुमति व मंजूरी देने की सुविधा उपलब्ध करवाएगी ताकि इन परियोजनाओं पर शीघ्र कार्य शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल आधुनिक तकनीक के प्रयोग का प्रयास किया जाएगा। इन संयंत्रों को स्थापित करने के लिए ऊना व कांगड़ा जिला में पहले ही भूमि का चयन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 99533 मेगावाट नवीकरण सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें राज्य को 2022 तक 776 मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य हासिल करने के लिए कहा गया है।