निजी स्कूलों की मनमानी के विरोध में छात्र अभिभावक मंच ने बुधवार को शिक्ष निदेशालय का घेराव किया। मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मांग की है कि वह तुरन्त दयानंद पब्लिक स्कूल के मामले में हस्तक्षेप करें और पांच दिसम्बर 2019 की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना को लागू करवाएं। यह अधिसूचना वर्ष 2019 में जारी हुई थी व इसमें स्पष्ट किया गया था कि वर्ष 2020 व उसके तत्पश्चात कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों के जनरल हाउस के बगैर कोई भी फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकता है। इसके बावजूद भी डीपीएस स्कूल ने वर्ष 2020 में फीस बढ़ोतरी की।
साल 2021 में इस स्कूल ने सारे नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए टयूशन फीस में भारी-भरकर बढ़ोतरी करके सीधे 55 प्रतिशत तक फीस बढ़ोतरी कर दी है। डीपीएस प्रबंधन ने नर्सरी व केजी कक्षा की फीस को 1900 से बढ़ाकर 2850 रुपये, पहली से पांचवीं कक्षा तक की प्रतिमाह टयूशन फीस 2000 से बढ़ाकर 3 हज़ार रुपये, छठी से आठवीं कक्षा की फीस को 2100 से बढ़ाकर 3200 पचास रुपये और नौंवीं-दसवीं कक्षा की प्रतिमाह फीस को 2250 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये कर दिया है। इस तरह वार्षिक 12000 रुपये से 15 हज़ार रुपये की टयूशन फीस बढ़ोतरी की गई है। यह पूर्णतः छात्र व अभिभावक विरोधी कदम है व इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि शिक्षा विभाग की नाक तले अंधेरा है औरव इससे 200 मीटर दूर डीपीएस स्कूल में ही शिक्षा विभाग अपने 5 दिसम्बर 2019 के आदेशों को ही लागू नहीं करवा पा रहा है जिसका सीधा मतलब है कि निजी स्कूलों के साथ प्रदेश सरकार की सीधी मिलीभगत है। उन्होंने चेताया है कि अगर इस फीस बढ़ोतरी पर अंकुश न लगाया गया तो आंदोलन तेज होगा जिसके तहत 28 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय का घेराव होगा।