छात्र अभिभावक मंच ने कालीबाड़ी हॉल शिमला में चल रही प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन की मीटिंग के बाहर जोरदार मौन प्रदर्शन किया। मंच ने निजी स्कूलों के प्रबंधनों को चेताया है कि अगर उन्होंने मनमानी और लूट न रोकी तो आंदोलन और तेज़ होगा। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निजी स्कूलों के प्रबंधन को चेताया है कि आन्दोलन किसी भी कीमत पर रुकने वाला नहीं है। यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक कि भारी फीसों में कटौती न हो। प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण भी रहा क्योंकि अंदर निजी स्कूलों के प्रबंधन के पदाधिकारी कालीबाड़ी हॉल में मीटिंग कर रहे थे और बाहर छात्र अभिभावक मंच का जोरदार प्रदर्शन चलता रहा।
इस दौरान प्रबंधन के पदाधिकारी कालीबाड़ी हॉल से बाहर आ गए और छात्र अभिभावक मंच के पदाधिकारियों को मीटिंग में आने और बातचीत का न्यौता दिया। मंच के पदाधिकारियों ने उन्हें स्पष्ट कर दिया कि वे भारी फीसों में कटौती करें और मंच को इससे कुछ भी कम मंजूर नहीं है। उन्होंने प्रबंधन पदाधिकारियों से मांग की कि वे केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सीबीएसई, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, उच्चतम न्यायालय और हिमाचल उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना करें। उन्होंने प्रबंधन पदाधिकारियों को कहा कि अगर 18 मार्च 2019 के शिक्षा निदेशालय के आदेश लागू न किये गए तो आंदोलन उग्र होगा।
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल मनमानी से बाज़ नहीं आ रहे हैं इसलिए मंच का प्रतिनिधिमंडल 25 मार्च को सुबह 9.30 बजे शिक्षा मंत्री के आवास पर उनसे मुलाकात करके उन्हें निजी स्कूलों की मनमानी, लूट और भारी फीसों के संदर्भ में अवगत करवाएगा और ज्ञापन सौंपकर निजी स्कूलों पर उचित कार्रवाई की मांग करेगा। उन्होंने शिक्षा मंत्री से इस विषय पर हस्तक्षेप की मांग की है और प्रदेश में इन स्कूलों को संचालित करने और इन पर नकेल लगाने के लिए ठोस कानून, पॉलिसी और रेगुलेटरी कमीशन बनाने की मांग की है।